अपने हाथ से अपनी, ऐसी तेसी करवाओ (हिन्दी कविता)
फसल उगतेही खेतमे, आग तुम लगवाओ
अपनी अकल भैय्या, बिलकुल ना लगवाओ!
धुवां जाने दो, सिर्फ दुसरोंके फेफडे मे
अच्छे अस्पताल मे भैय्या, दाखिल खुद हो जाओ!
अपनी सोसायटी मे, सारा कोंक्रीट तुम डलवाओ
पेडकी छाव खाने भैय्या, जंगल घुमने जाओ!
‘पेड लगाना मना है’, का कानून तुम बनवाओ
हरियाली ढुंढने तुम, पार्क मे चले जाओ!
नदिया होने दो गटर, और पानी जहरीला
अपने बंगलेमे बढीया, फिल्टर तुम लगवाओ!
बढने दो धूप, बढने दो गर्मी या तापमान
अपने बंगलेमे बढीया, एसी तुम लगवाओ!
हवा होने दो गंदी, मरने दो लोग प्रदूषणसे
अपने बंगलेमे बढीया, एयर प्यूरीफायर लगवाओ!
हाईवे बनाओ बडे बडे, पेड सारे कटवाओ
और तेज भगाओ गाडीया, एक दुसरेको मरवाओ!
आग लगवा दो जंगलो मे, जानवर सारे मरवाओ
रोजी रोटी वन संपत्ती अपनी, खाक तुम करवाओ!
क्लाईमेट चेंज का रोना, किसी ओर को सूनवाओ
अपनी अकल भैय्या, बिलकुल ना लगवाओ!
अपने हाथ से अपनी, ऐसी तेसी करवाओ
अपने हाथ से अपनी, खुब तुम मरवाओ !!
डॉ. राजू कसंबे
मुंबई
बढीया!
बढीया!
बहुत बढिया!
बहुत बढिया!