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Seema_
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| Friday, February 03, 2006 - 9:21 pm: |
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जमलीये अगदी. मी वाचला तो लेख.
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Zakki
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| Saturday, February 04, 2006 - 1:47 am: |
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storvi, फोटो गोड आहेत. संस्काराची काळजी करू नकोस. हेच वय आहे तिचे. तू नमस्कार कर, ती पण करेल, तू शुभं करोति म्हण, ती पण म्हणेल. तुम्हाला जोपर्यंत संस्कारांची जाणीव आहे, तोपर्यंत तिच्यावर पण चांगलेच संस्कार होतील. आता देवाला नमस्कार नि भजन या ऐवजी दुसरे काही म्हंटले तर फरक पडत नाही. (फक्त बीभत्स, रौद्र रस नकोत). concentration, social awareness, knowing right from wrong, good from bad, unselfishness, helping attitude, no excessive anger or greed, हेच खरे संस्कार! तुम्हा सर्वांना अनेक आशिर्वाद.
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Bee
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| Monday, February 06, 2006 - 3:16 pm: |
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muliche paay paaLaNyaat disataat shilpa, sanskaaraachee kaahee kaaLajee karoo nakos bare ek saangates ka, 8wyaa kramaakaanchyaa picture madhalee tee chaukon chaukon tukaDe ekatra asalelee godhaDee bharatat wikat miLate ka? tashyaa godhaDyaa purwee ghareech shiwalyaa jaayachyaa aaNi tyaa disatahee chhan asat, naram, talam asat paN aataa te diwas haLuhaLu paalaTaayalaa laagale aahet. paN jar ashee chaukonee tukaDe ekatra karun tayaar kelelee godhaDee jar deshaat kuthe wikat miLat asel tar tulaa maahitee aahe tewaDhaa pattaa saang. thx in advance!!!!!! haataat baangaDyaa nantar aataa paayaat paijaN ghaaloon Arohiche nawin photo taak. nartakeechee lek shobhaayalaa hawee naa 
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Sikandar_
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| Monday, February 06, 2006 - 3:20 pm: |
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शिल्पा,मला तुझी कविता फ़ारच आवडली.थोडक्या शब्दात कवितेचा मतितार्थ पोहोचवलास
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Storvi
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| Thursday, March 16, 2006 - 10:57 pm: |
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रेणु thanks मी पाहिलेच नव्हते झक्की एवढी सरळ साधी वाक्य तेही माझ्याशी बोलतांना? हे काही रुचलं नाही नाही पण seriously, thanks for the support तुम्ही म्हणता तसेच प्रयत्न चालु आहेत..
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Bee
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| Tuesday, March 21, 2006 - 11:02 am: |
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शिल्पा नविन काहीच नाही ह्या बीबीवर. नविन कविता कर.. आरोहीवर काहीतरी लिही पाहू किंवा तिच्या फोटोंचे इथे बरेच फ़ॅन आहेत त्यांना खूष कर ती तुझीच मुलगी, मग तीही नृत्य छानच करत असेल नाही का मला तिच्या वाढदिवसाची treat लागणार आहे हे आत्ताच सांगूण ठेवतो आहे
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शिल्पा नविन काहीच नाही ह्या बीबीवर. <<< बी अरे इथे ती नेहमी इथे फक्त आरोहीचे फोटो टाकते. आरोही सोडून नविन काही तेव्हाच बघायला मिळेल जेव्हा आरोहीला नविन बहिण किंवा भाऊ होईल. शिल्पा नविन good news कधी? 
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Storvi
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| Tuesday, March 21, 2006 - 5:37 pm: |
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ही ही आता मी नवस सोडलाय की ही ही ला उजवल्याशिवाय या पृथ्वीतला वरचा भार वाढवायचा नाही. जय माता ही ही कुमारी ही ही देवी ही ही !
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Ninavi
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| Tuesday, March 21, 2006 - 5:47 pm: |
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शिल्पा, कविता(?) मस्तच आहे. तुमने मेरे मूंह की बात छीन ली अगदी. 
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Aschig
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| Tuesday, March 21, 2006 - 8:48 pm: |
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Shilpa, good poem. Do you think it got the desired effect? I agree with zakki.
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Storvi
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| Tuesday, March 21, 2006 - 9:46 pm: |
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Ashish, here on HG I am unsure, to some extent yes... but this seems like preaching to the choir The people who should actually have read it did not BTW I have responded to your mail...
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Bee
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| Wednesday, March 22, 2006 - 5:20 am: |
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हवाहवाई, आधी सांग तू Good news.. I mean लाडू कधी देतेस, शिल्पानी एक good news आधीच दिली आहे शिल्पा, आरोहीला उजवल्याशिवाय पृथ्वीवरचा भार वाढवायचा नाही.. म्हणजे काय विचार आहे लोक काय म्हणतील नलिनि, शिल्पाला बर्याच कविता येतात. ती हितगुजवरची एक खास काव्यप्रेमी आहे
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Giriraj
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| Wednesday, March 22, 2006 - 6:53 am: |
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बी,शिल्पा HH च्या लग्नाबद्दल बोलली रे बाबा... आरोहीच्या नाही! काय पण पोरगा आहे...
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Bee
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| Wednesday, March 22, 2006 - 9:20 am: |
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खि खि खि गिरि अरे माझ्या लक्षातच नाही आले ते. मला वाटलं ही ही म्हणजे ती हसत हसत म्हणत आहे आरोहीला उजवल्याशिवाय..
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Moodi
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| Wednesday, March 22, 2006 - 10:13 am: |
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बी अजुन एक चुक सुधार मग. ती निनावी आहे, नलिनी नाही. जिला तु शिल्पाच्या कवितेबद्दल सांगतोयस. 
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Bee
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| Wednesday, March 22, 2006 - 10:27 am: |
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मूडी मी निनावीला नविन नाव दिले का ही मिनोति आहे ना तिनेच मला हा वेंधळेपणा करण्याचा श्राप दिला आहे असावा
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Storvi
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| Wednesday, March 22, 2006 - 3:52 pm: |
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>>शिल्पाला बर्याच कविता येतात. ती हितगुजवरची एक खास काव्यप्रेमी आहे >>नशीब माझे कविता करता येतात नाही म्हणालास ते 
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Ninavi
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| Wednesday, March 22, 2006 - 3:59 pm: |
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शिल्पा, कितीही वेंधळा झाला तरी असं कसं म्हणेल तो!! 
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Storvi
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| Wednesday, March 22, 2006 - 6:12 pm: |
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निनवी... माझ्या बीबी वर येऊन माझा हा अपमान? थांब एक बीबी उघडते तुझ्या नावाने ( व्वाः काय धमकी आहे )
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Ninavi
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| Wednesday, March 22, 2006 - 6:29 pm: |
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उघडलास का गं माझा बीबी? दिसत नाही तो कुठे? 
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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