पूनम छानच गं ... ...
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Dineshvs
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| Wednesday, November 29, 2006 - 8:48 pm: |
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पूनम, छान जमलाय लेख.
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Psg
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| Thursday, November 30, 2006 - 12:01 am: |
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सर्वांचे खूप खूप धन्यवाद! विनोदी साहित्य मधे टाकला होता लेख आणि वाचताना एकदातरी तुमच्या चेहेर्यावर हसू आले असेल तरी मला पुरेसे आहे आणि हो, हे पूर्णपणे काल्पनिक लेखन आहे.. हे खर्या आयुष्यात असतं तर किती बरं झालं असतं नाही?
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Abhi_
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| Thursday, November 30, 2006 - 12:25 am: |
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पूनम छान!!!
बरंय आमच्या ऑफिसमध्ये आम्हाला सेलफोन नेणे अलाऊड नाहिये ते!!
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Shraddhak
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| Thursday, November 30, 2006 - 12:32 am: |
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पूनम, मस्त लिहिलं आहेस. 
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Raina
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| Thursday, November 30, 2006 - 4:01 am: |
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पूनम- आयडिया झक्कास आहे. आता बघतेच प्रयोग करुन.
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हे खर्या आयुष्यात असतं तर किती बरं झालं असतं नाही? >>>>> hmmपूनम हो ग.. किति छान झाल असत... तुझ लिखाण दिवसेनदिवस.. मस्त होतय...!!!
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Princess
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| Thursday, November 30, 2006 - 6:46 am: |
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मस्तच लिहिलय ग... समस्त स्त्री वर्गाला तु एक छानच idea दिलीय. मी पण प्रयोग करुन बघेन म्हणते. अग एकदाच नाही काही खुप वेळा हसली मी हे वाचताना. मजा आली हं
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Savani
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| Thursday, November 30, 2006 - 8:27 am: |
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पूनम, cute अगदी मनातलं लिहिलयं असं वाटून खुदकन हसू आलं.
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Nalini
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| Thursday, November 30, 2006 - 9:41 am: |
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एकदम सही! पूनम, मस्तच लिहिलस.
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Paragkan
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| Thursday, November 30, 2006 - 10:00 am: |
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heheh ... good one psg!
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Anilbhai
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| Thursday, November 30, 2006 - 10:18 am: |
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हं.. छान जमवलस. 
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Sahi aahe ga hee Goshta
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Tulip
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| Friday, December 01, 2006 - 2:11 am: |
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lol पूनम. एकदम मस्तं! मात्र त्या शेवटच्या इतक्या आवर्जुन दिलेल्या स्पष्टीकरणावरुन ही चतुर आयडीयाची कल्पना वास्तवातली असावी असा संशय येतोय
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Srk
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| Friday, December 01, 2006 - 7:55 am: |
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पुनम छानच लिहिलयस. मी एकदा असा प्रयोग केला आणि यशस्वी झाले पण तेव्हापासून नवरा "आत्ता खुप कामात आहे. दोन मिनिटांत तुला कॉल करतो" म्हणतो.आणि फोन करतोसुद्धा! म्हणजे तक्रारीला जागाच नाही.
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पुनम मस्त आहे ग लेख. आयडीया ट्राय करु म्हणतेय भावी नवर्यावर...
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Athak
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| Monday, December 04, 2006 - 10:10 am: |
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भावी नवर्यावर या युक्तीचा काही परिणाम होणार नाही , हातातली सगळी काम सोडुन तो काळजीपुर्वक एक एक शब्द झेलेल तुझा
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स्वानुभव का अथकशेठ??? दिवे घ्या...
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Psg
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| Tuesday, December 05, 2006 - 6:28 am: |
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हो ना रूपाली, तो अजून तुझा 'भावी' नवरा आहे ना.. अथक is right ! ही ट्रिक लग्नानंतरसाठी आहे
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Mrinmayee
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| Tuesday, December 05, 2006 - 9:28 am: |
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पुनम, छान लिहिलाहेस लेख! मजा आली वाचून. रुपाली, जसा हा प्रयोग भावी नवर्यावर यशस्वी होत नाही तसाच लग्नानंतर बरीच वर्श उलटलेल्या नवर्यांवर पण नाही! सेल फोन वर घरचा किंवा बायकोचा नंबर बघून फोनच उचलल्या जात नाही. ऑफिसला केला तर "आत्ता कामात आहे. नंतर बोलु" असं सांगण्यात येतं. म्हणजे काय मुरलेल्या नवर्यांवर हा प्रयोग फसतो! काय शेठ खरं ना?
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