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Moodi
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| Tuesday, August 29, 2006 - 3:16 pm: |
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आर्च टिप्स फारच छान दिल्यास, मोदक तर अप्रतीम दिसतायत. दिनेश अहो खरच तुमच्याही हातचे मोदक खायला यायला हवे.
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Prajaktad
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| Tuesday, August 29, 2006 - 8:13 pm: |
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रचना! उकडिचे मोदक फ़ार टिकत नाही.. पण,तळणीचे मोदक ४-५ दिवस सहज टिकतिल,वर archieve मधे मी क्रुती दिली आहे.. अगदी खुस्खुशित होतात मोदक.
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Abha
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| Wednesday, September 06, 2006 - 5:03 pm: |
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Kuni 'Nivagarya' baddal lihila ahe ka aadhi? Mazya sasari urleli ukad tya madhe mirchi-alyache vatan,thodi dhana-jeera pood ani meeth ghalun ,nit malun ghetat. Tyachya modakachya parya sarakhya parya karayachya ani vafavayachya. Tyalach "Nivagarya" kinva tikhata-mithachya parya mhanatat. Ukadichya modakana chan compliment karatat pana madhe!:-) ani ukad urali asel tar sampate hi!
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Moodi
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| Wednesday, September 06, 2006 - 5:12 pm: |
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आभा इथे चर्चा झालीय बघ. /hitguj/messages/103383/115682.html?1157128664
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Abha
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| Wednesday, September 06, 2006 - 9:07 pm: |
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Are ho ki.:-) Thank you Moodi.
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Ashu
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| Tuesday, October 10, 2006 - 8:48 pm: |
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इ सकाळ वरति या लिन्क वर जाउन पहावे मोदक करन्याची चित्रफ़ीत आहे. http://www.esakal.com/features/modak/home.html
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Prady
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| Wednesday, April 18, 2007 - 10:05 pm: |
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ईथे तांदळाची पिठी बर्याचदा जुनाट असते.मोदक चांगले वळले नाही जात. म्हणून घरीच पिठी करीन म्हणतेय. तांदूळ फक्त पाण्यातून काढून वाळत घालायचा का की थोडा वेळ भिजत वगैरे घालायचा असतो.
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Dineshvs
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| Thursday, April 19, 2007 - 11:34 am: |
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तांदुळ स्वच्छ धुवुन लगेचच वाळवायचे. पण तांदुळ नेहमी सावलीतच वाळवायचे असतात. पंख्याखाली, स्वच्छ सुती कपड्यावर ते पसरुन, वाळवायचे. पुर्ण कोरडे व्हायची वाट न बघता, जरा दमट असतानाच दळायला घ्यावेत.
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Prady
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| Monday, April 30, 2007 - 4:43 pm: |
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मोदक झाले करून. आता सारण उरलय. काय करता येईल त्याचं?
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प्रडी ओल्या नारळची करंजी करता येइल.
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वाटीत घेउन खाउन टाका ;)
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Dineshvs
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| Monday, April 30, 2007 - 5:32 pm: |
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राजेळी केळ्याची अंजीरे. सातकापे घावन, नारळीभात हेही पर्याय आहेत. कृति आहेत ईथेच.
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Savani
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| Monday, June 04, 2007 - 6:58 pm: |
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प्रज्ञा, तांदळाची पीठी केली होतीस का घरी? मिक्सरवरच दळलीस का? कशी झाली? आणि मुख्य तांदूळ कोणता वापरला होतास?
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Prady
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| Tuesday, June 05, 2007 - 2:01 pm: |
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सावनी mixer वरच दळली पिठी. बासमती तांदूळ वापरला. पण माझ्याकडे सपिटाची चाळणी नाहीये. त्यामुळे थोडी रवाळच राहिली. मोदक वळता आले नीट पण मनासारखे नाही झाले.तु आणलास का देशातून येताना mixer ?
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Savani
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| Tuesday, June 05, 2007 - 2:07 pm: |
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thank u प्रज्ञा. मी आणलाय ग मिक्सर येताना. म्हणुनच विचारलं. मी चाळणी सुद्धा आणलीये. करुन बघेन आता पुढच्या चतुर्थीला.
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उकडीच्या मोदकांची उकड food processer मधुन काढा... मऊ होते... आणि मोदक पण चांगले होतात.... इति माझी आई
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Manuswini
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| Wednesday, September 26, 2007 - 7:49 pm: |
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हे घ्या ह्या गणपतीतले उकडीचे मोदक, मी फक्त सात नाहीतर ११ कळ्या काढते. ते नेहमी odd numbers मध्ये करायच्या असतात(आई इती)
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Upas
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| Thursday, September 27, 2007 - 2:34 pm: |
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अरे वा मस्तच अगदी मनु! पण ताट खूप मोठ्ठ दिसतय मोदकांच्या संख्येच्या मानाने! :-)
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Manuswini
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| Thursday, September 27, 2007 - 5:08 pm: |
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उपास, मी २१ च मोदक करते नैव्यद्याला. फोटो फक्त चारचा घेतला आहे, नाहीतर एवढा खटाटोप काय फक्त चार'च' मोदक बनवायला कशाला करेन?
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Ashwini_k
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| Friday, September 28, 2007 - 10:16 am: |
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उपास, "साताळलेली डाळ" ची रेसिपी कुठल्याशा एका विकएंडला घरी विचारून देणार होतास त्याचे काय झाले?
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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