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Devdattag
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| Friday, December 07, 2007 - 8:01 am: |
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प्रेमात ऐक वेड्या सारेच स्मरावे लागते झुरलो कधी तिजसाठी ती याचे पुरावे मागते शिंकली होती कधी ती मज दिन तो ना स्मरावा ओळखून भविष्या मग मज कापरा भरावा काल एक चूक झाली स्वप्नात तिजला पाहिले पाहिले चेहर्या तिच्या पण ड्रेस पहाणे राहिले सांग म्हणे मला मी ड्रेस कोणता होता घातला ठेवूनी काही समोरी पुसे सांग कोणता यातला काय अशी बुद्धी झाली बोललो, आहे तिथे तो झाकला चिडूनी बोले मला ती खोटे, तो धुण्यास होता टाकला सांगतो मी स्वानुभवे नेम हा एकची करावा सांगण्या काही तिला रे राम तो आधी स्मरावा -देवदत्त
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pahata tuza mohak chehara bhavatichya jagacha jhala nichara uralo fakt mi aani mi tuzya nayanat aani mazya rudyat fakt tu aani tu.. kashas magashi premache purave kiti deu mi premache dakhale jakhmi rudayachi tula kadar nasavi deshi jakhma maguni purave aanakhi..
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Milya
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| Friday, December 07, 2007 - 12:19 pm: |
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ही ही ही देवा.... 
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Shyamli
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| Friday, December 07, 2007 - 1:47 pm: |
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... .यापुढे लक्षात ठेवा देवा, नायतर मार पडायचा ~D
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Psg
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| Saturday, December 08, 2007 - 6:05 am: |
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खीखीखी देवा.. सॉरी.. अरेरे म्हणायला हवे, नाही का?
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