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goshta chhan aahe...ani movie pan apratim aahe!
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Bee
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| Friday, September 14, 2007 - 9:18 am: |
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मुव्ही नाही दिसत कुठेच पण कथा मात्र फ़ंडू आहे!
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Storvi
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| Friday, September 14, 2007 - 6:21 pm: |
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अर्च, काहीसा काय बराचसा असाच आहे तो.. छान आहे कथा
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Tukaram
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| Friday, September 14, 2007 - 11:35 pm: |
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आता Eternal Sunshine of the Spotless Mind पहाण्याची उत्सुकता खुपच वाढलीय...... लवकरंच पहातो... नेट वर कुठे आहे का? सर्वांना धन्यवाद..!!!
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Atul
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| Monday, September 17, 2007 - 7:38 pm: |
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तुकाराम, एक्दम वेगळी कथा. वाचायला मजा आली, असाच लिहित रहा
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Mahe
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| Monday, September 24, 2007 - 2:14 pm: |
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तुकाराम, कथा सुन्दर जमली आहे. दुखातून सुध्दा आपण चांगलेच शिकु शकतो, हे मात्र अगदी पटले. लिहित रहा! भाग्यश्री
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