Abhija
| |
| Monday, July 09, 2007 - 12:00 pm: |
| 
|
"बेवारशी कुत्री ठारच मारली पाहिजेत"...महानगरपालिकेच्या एका अधिका-याचे हे वक्तव्य वर्तमानपत्रात मागच्या आठवड्यात वाचले. त्यावरून मी सहा महिन्यांपूर्वी क्लिक केलेल्या एका फोटोची आठवण झाली. Technically, nothing great about this picture! पण Image Notes (comments) मधील "हितगुज" जरूर वाचावे. धन्यवाद! चित्राचा दुवा: http://www.abhijitsplanet.com/pratibimb/index.php?showimage=59
|
Nakul
| |
| Monday, July 09, 2007 - 4:36 pm: |
| 
|
lopaa --> meri hansini mastach !! abhijit --> a pra ti ma !! haa phoTo kasaa kaaDhalaas tyaabaddal thoDese saaMgshiila kaa?
|
Ksha
| |
| Monday, July 09, 2007 - 4:42 pm: |
| 
|
फोटो सुरेख आहेत गं लोपा! अभिजित, तुझ्या साईटवर असलेले फोटो सुद्धा तू तुझ्या फुजी ९६०० ने घेतले आहेस का?
|
Ravisha
| |
| Monday, July 09, 2007 - 4:43 pm: |
| 
|
Lopamudraa,very nice clicks;rather inspiring to write a poetry.... Abhijit,u've caught a very catchy moment 
|
Ravisha
| |
| Monday, July 09, 2007 - 4:46 pm: |
| 
|
सुधीर,मोर कुठे पहायला मिळाला? चांगल्या poses दिल्यात मोराने तुम्हाला
|
Abhija
| |
| Monday, July 09, 2007 - 5:24 pm: |
| 
|
नकुल, धन्यवाद! लेन्स वाईड ओपन केली आणि डोळ्यांवर फोकस केलं.त्यामुळे समोरची बिस्किटं आणि बॅक्गराऊंड आऊट ऑफ फोकस गेली आणि म्हणून दी सब्जेक्ट वॉज वेल एनहान्स्ड! दुर्दैवाने डोळ्यांभोवतीची स्किन डार्क आहे, त्यांमुळे डोळा उघडा असून सुद्धा बुजल्यासारखा दिसतोय. डोळा व्यवस्थित उघडा दिसला असता तर चित्रात अजुन जिवंतपणा आला असता (असे मला वाटते)!
|
Abhija
| |
| Monday, July 09, 2007 - 5:27 pm: |
| 
|
क्ष, धन्यवाद! प्रतिबिंबवर लेटेस्ट चार फोटो फुजीकॅम ने काढले आहेत:-)
|
Abhija
| |
| Monday, July 09, 2007 - 5:28 pm: |
| 
|
Lopaa, Ravisha, FB baddal dhanyavad! :-)
|
Ravisha
| |
| Monday, July 09, 2007 - 5:36 pm: |
| 
|
FB??? mahnje kay? plz explain..
|
Abhija
| |
| Monday, July 09, 2007 - 5:42 pm: |
| 
|
Ravisha, FB = Feedback :-)
|
Lajo
| |
| Tuesday, July 10, 2007 - 3:54 am: |
| 
|
जाणकार आणि माहीतगारांसाठी एक प्रश्ण... प्लीज मला सांगाल का की फोटो इमेज साईज रीड्युस करायचा असेल तर कोणती वेबसाईट चांगली आहे?
|
Jo_s
| |
| Tuesday, July 10, 2007 - 4:06 am: |
| 
|
Ravisha धन्यवाद, हे मोर पुण्यात वेताळ टेकडी भागात आहेत. तिथल्या अधीक माहीती साठी ही लिंक पहा. /hitguj/messages/119403/110339.html?1151147953
|
Pendhya
| |
| Tuesday, July 10, 2007 - 4:39 am: |
| 
|
लाजो, ईथल्याच archive मधलं हे पान कदाचित ऊपयोगी पडेल.
|
Abhija
| |
| Tuesday, July 10, 2007 - 6:50 am: |
| 
|
Lajo, best way mhaNaje photoshop waparaNe! :-)
|
धन्यवाद मंडळी!!! अभिजीत तुला भटक्या कुत्र्यांचा अनुभव आलेला दिसत नाही. फोटो मात्र छान आहे.
|
Lajo - this may help you.
|
तेवत होती किनार ओली क्षणभर धुसर पाण्याची...!!!
|
भय येथले संपत नाही मज तुझी आठवण येते मी संध्याकाळी गातो तु मला शिकवली गीते.....
|
अभिजीत तु संध्याकाळच्या फोटो बद्दल म्हणालास ना त्यवरुन माझ्या लक्षात आले की crop केले की फोटोची क्ल्यारीटी जातेय even माझे paintings जेव्हा मी टाकले ना तेव्हाही असेच झाले आणि आणि इथे टाकतांन त्याची मुळ रुपच नाहिसे झाले या वरच्या फोटोत सुध्दा मी edit करायला गेल्यावर फ़ार फ़रक पडालाय. असे कशामुळे होतेय???
|
Lajo
| |
| Tuesday, July 10, 2007 - 9:23 am: |
| 
|
धन्यवाद, पेन्ढ्या, अभिजीत आणि प्रशांत. मी ट्राय करून बघते.
|