चाफ़ा,छान लिहिली आहेस रे ही गोष्ट.. शेवटपर्यंत खिळवुन ठेवलस वाचताना.. KEEP IT UP
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Fulpari
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| Tuesday, May 08, 2007 - 7:31 am: |
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चाफ़ा, छानच आहे गोष्ट. भिती वाटली रे वाचताना
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R_joshi
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| Tuesday, May 08, 2007 - 9:43 am: |
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चाफा फारच भीतिदायक कथा. नविन शोध लावताना आता विचार करावा लागेल
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Cutepraj
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| Tuesday, May 08, 2007 - 10:42 am: |
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मस्तच आहे कथा! एक्दम खिळवुन ठेवणारी आहे.... मायबोलीवरच्या सर्वच कथा खरंच छान आहेत!!
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Cutepraj
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| Tuesday, May 08, 2007 - 10:54 am: |
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Smileys कसे टाकायचे मला कोणी सांगेल का?
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Srk
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| Tuesday, May 08, 2007 - 12:11 pm: |
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सहीच! मस्त जमलीय कथा.
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चाफ़्फ़ा, फ़ारच भिती वाटली मला ही कथा वाचुन...
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Kanak27
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| Wednesday, May 09, 2007 - 11:54 am: |
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Nice Story ! But i have some basic quaries . ते झाड त्या आदिवासीना काहिच करत नसत का ते जिवन्त कसे
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Rimzim
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| Wednesday, May 09, 2007 - 2:23 pm: |
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कनक अशा कथा वाचताना असल्या queries मन्नत पण आणायच्या नासतात, त्या झाडाला कळाले तर
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Maasture
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| Saturday, May 12, 2007 - 11:11 am: |
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प्रत्येक प्रय्त्नाबरोबर नक्की सुधारणा होत आहे. मी तरी अजूनही चांगली कथा असे नाही म्हणू शकणार, पण तुम्ही असेच सुधारणा करत राहिलात तर छान लिहात लवकरच. तुम्हाला पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा.
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Chaffa
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| Tuesday, May 15, 2007 - 6:53 am: |
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धन्यवाद सर्वांनाच पण माफ़ करा दोस्तलोक पण माझ्या कथेबद्दल लिहीलेले वाचायला मला आज जमतय.
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वाचायला आलास हे बरं झालं. म्हटलं एखादं झाड तुच लावलं होतस की काय!
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Rajya
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| Wednesday, May 16, 2007 - 6:58 am: |
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आयला, चाफ़ा काय लिहितोस रे!!!!
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Ammi
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| Wednesday, May 16, 2007 - 7:40 am: |
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hollywood cha picture hoil ..hya kathewar...
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Yog
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| Thursday, May 17, 2007 - 2:55 am: |
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better one.. ... ..
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