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Cool
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| Tuesday, April 24, 2007 - 8:22 pm: |
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नुकत्याच झालेल्या बहुचर्चित अभिषेक-ऐश्वर्या विवाहामुळे अनेकांच्या मनात अनेक भाव दाटुन गेले. असेच काही भाव टिपण्याचा हा एक प्रयत्न . मुळ कविता या दुव्यावर बघायला मिळेल जेव्हा घरी जयाच्या .... (विवेक आणि सलमान) : जेव्हा घरी जयाच्या , सजवुन कार गेली सुजले रडुन डोळे, पलटून नार गेली ॥१॥ (सलमान): मारू आता कुणाला, सय दाटते कुणाची हसवुन मिडियाला, फसवुन नार गेली ॥२॥ (सलमान विवेकला): जळलो तुझ्यावरी मी, उरल्या खुणा मनाशी जळलो तुझ्यावरी मी, जळवुन नार गेली ॥३॥ (विवेक): फिरले क्षणात माझे, ग्रह एक त्या नभाचे इमले स्वकल्पनाचे, उधळुन नार गेली ॥४॥ (राणी - अभिषेकशी लग्न करण्याची इच्छा अपुर्णच राहिली): उरली मनात आता, नशिबा कटू कहाणी युवराज हा जयाचा, गटवुन नार गेली ॥५॥ --- सुभाष डिके (कुल)
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Chaffa
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| Tuesday, April 24, 2007 - 8:36 pm: |
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जवाब नही!!!!!!! cool तुझी ही कविता हसवुन ठार गेली. सुंदर!!!!!!!!!!!
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Disha013
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| Tuesday, April 24, 2007 - 10:44 pm: |
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मस्त कूल! मारु आता कुणाला.... तीन दुक्खी जीव हीहीही
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Sayuri
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| Wednesday, April 25, 2007 - 3:32 am: |
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Tooo goood!!! मस्तंच आहे एकदम.
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सही रे कुल.. मजा आ गया
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Zakasrao
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| Wednesday, April 25, 2007 - 4:10 am: |
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कूल मस्तच आहे ह्या महिन्यात मिल्या नसल्याने ह्या BB वर कोणी लिहिल की नाहि असे वाटत होते पण तुम्ही कसर भरुन काढली.
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कुल, सही है भिडु, मजा आला यार!
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Gs1
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| Wednesday, April 25, 2007 - 5:29 am: |
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मस्त रे कूल. मारू आता कूणाला तर फारच ...
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हे कूल... खरंच एकदम धमाल लिहिले नाहीस..
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Sakhi_d
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| Wednesday, April 25, 2007 - 6:20 am: |
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कुल......... सही... मजा आली....
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Dineshvs
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| Wednesday, April 25, 2007 - 6:47 am: |
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सुभाष, अजुन शोध घेतलास तर आणखी अनेक कडवी लिहिता येतील की. आणि शोध घ्यायला मायबोलीपासुनच सुरवात कर.
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Kandapohe
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| Wednesday, April 25, 2007 - 9:59 am: |
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कुल मस्तच रे. खूप दिवसांनी आलास पण सही आलास. 
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Jo_s
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| Wednesday, April 25, 2007 - 10:30 am: |
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सुभाष, कुल मस्तच सुधीर
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Itsme
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| Thursday, April 26, 2007 - 4:52 am: |
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व्वा कुल, मस्तच .. ..
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Sas
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| Thursday, April 26, 2007 - 8:25 pm: |
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Cool Wow! Cool one 
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Krishnag
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| Friday, April 27, 2007 - 6:02 am: |
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कूल!! झक्कासच!! ह ह पु वा!! 
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Deepad
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| Saturday, April 28, 2007 - 7:25 am: |
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सुरेख! छानच आहे विडम्बन.
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Mavla
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| Wednesday, May 09, 2007 - 6:00 pm: |
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मस्तच रे cool ... एक दम कूल..
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