Chaffa
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| Sunday, April 06, 2008 - 2:57 pm: |
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चिन्या! चिन्याला हाकलला सैन्यातुन झणझणीत शिव्या घालत, समोरुन गोळ्या झाडल्या तरी म्हणे .............. आजुन येउ देत!
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Zelam
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| Sunday, April 06, 2008 - 10:13 pm: |
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काय मस्त उखाणे चाललेत इथे! अजून येउद्या.
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Lajo
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| Monday, April 07, 2008 - 1:56 am: |
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बापरे अगदी ह. ह. डो. पा. मज्जा आली वाचुन. धन्य आहात तुम्ही सर्व 'उखाणे कर' बादल्या बादल्या ओतुन पूर येईल मायबोलीवर... जमलाय का उखाणा??
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Giriraj
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| Monday, April 07, 2008 - 11:37 am: |
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एका उखाण्यात चार आयडी चाफा सोनचाफाच्या घोळात यांनी घेतला एक्स्ट्रा फ लावून चाफ्फ्याचे नाव घेते गुलाब हाती घेऊन
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Giriraj
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| Monday, April 07, 2008 - 11:39 am: |
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'लाजोन' हासणे अन् हासोन ते पहाणे मी ओळखून आहे 'लाजो' तुला शहाणे!
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Giriraj
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| Monday, April 07, 2008 - 11:47 am: |
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कुण्या सटवीने काय केले म्हणतंय 'फ्रेंच चुंबन' न्यायची कुठे सोय नाही .... राव आमचे असले झम्मन!
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Ajjuka
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| Monday, April 07, 2008 - 12:00 pm: |
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ही ही ही.. संपलास गिर्या तू. आता तुला दर्दभरा इमेल येणार. :P
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Zakasrao
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| Monday, April 07, 2008 - 12:36 pm: |
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गिर्या .. .. ..
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Chaffa
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| Monday, April 07, 2008 - 12:51 pm: |
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गिरी भाउ कधीची वाट बघत होतो या BB वर शेवटी एका उखाण्याने काम करुन टाकले दणदणीत सुरवात. परंतु राडा होण्याची दाट शक्यता आजुक्काबेन! कीती होतो मनस्ताप कुणालच नाही कदर म्हणुन वादग्रस्त ID विरुध्द अजुक्काने खोचलाय पदर! यात मी नसावा(च) ही(च) ईच्छा
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Panna
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| Monday, April 07, 2008 - 1:25 pm: |
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गिरीराज उफ़्फ़.. ये चार शब्द
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'गृप्स' वर क्लिकत बसण्याचा हा असा परिणाम पहा.. नवरोबाला आजकाल म्हणतेय भांडी घासण्यात सामिल व्हा!
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Ajjuka
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| Monday, April 07, 2008 - 4:59 pm: |
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चाफ्फ्या!! बोललास! चार शब्द चार शब्द
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Lajo
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| Tuesday, April 08, 2008 - 3:54 am: |
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गिरीराज good उखाणा. --- आला गिरीराज म्हणून खुश झाला चाफ्फा पण जपुन लिहा बरं दोघं नाहीतर बसेल एखादा लाफ्फा....
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Giriraj
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| Tuesday, April 08, 2008 - 4:45 am: |
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चाफ्फ्या उखाण्यांच्या बीबी वर चाल्लिये म्हणे गम्मत अज्जुकाबाईंचे 'नाव' घ्यायला लागते मोठी हिम्मत!
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Itsme
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| Tuesday, April 08, 2008 - 5:22 am: |
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जबरदस्त ..... गिरी आणि सगळेच !! रंगली जुगलबंदी उखाण्यांची करमणुक झाली वाचणार्यांची अज्जुका, दर्दभरा इमेल
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Giriraj
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| Tuesday, April 08, 2008 - 5:43 am: |
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केदार रावांना आमच्या शेअर बाजारात रस अति पहायला आले तेव्हा म्हणतात, बोल तीन वर्षांत 'रिटर्न' किती?!
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उखाण्यांच्या बीबी ने उडवून दिली धमाल सगळेच उखाणे इथले आहेत बेमिसाल...
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Itsme
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| Tuesday, April 08, 2008 - 6:01 am: |
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हिशोब आहे सोप्पा केला जर वीचार छत्तीस ला भागा नवाने उत्तर येइल चार (I am sorry)
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Chaffa
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| Tuesday, April 08, 2008 - 4:20 pm: |
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ladtushar, itsme मस्त उखाणे पण एक छोटीऽऽऽऽशी अपेक्षा मायबोलीकरांचे ID घ्यायचा प्रयत्न करुन पहायला हरकत नव्हती! गिरी भाउ! लाखात बोललात! त्यावरुन एक उखाणा लिहीता लिहीता काहीतरी झालं मला द्यावा लागला कांद्याचा वास दुसरं तिसरं काही नाही अजुक्काचं नाव घेताना माझा अडकला 'श्वास'
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Runi
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| Tuesday, April 08, 2008 - 4:58 pm: |
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सगळेच बेफाम सुटलेत, एक से एक धमाल उखाणे येताहेत .
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