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Archive through February 26, 2008

Hitguj » My Experience » बहु(जनांकडून)श्रुत » गाणे ओळखा » Archive through February 26, 2008 « Previous Next »

Ajjuka
Saturday, February 23, 2008 - 4:42 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

सोप्पं देते... ओळखा बरं

चैन कैसा जो पहलू मे तूही नही
मार डाले ना दर्द ए जुदाइ कही
ऋत हंसी है तो क्या
चांदनी है तो क्या
चांदनी जुल्म है और जुदाइ सितम


Abhi_
Saturday, February 23, 2008 - 4:55 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

अज्जुका, तू दिलेलं गाणं
शाम ए गम की कसम, आज गम ही है हम
आ भी जा आ भी जा आज मेरे सनम

तलत मेहमूद / खैय्याम / फूटपाथ


Ajjuka
Saturday, February 23, 2008 - 6:22 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

श्या! फारच सोप्पं झालं. आता नवीन.

उंची घटाके साये तले छुप जाये
धुंधली फिजामे कुछ खोये कुछ पाये
सासोंकी लयपर कोइ ऐसी धुन गाये



Abhi_
Saturday, February 23, 2008 - 9:29 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

अज्जुका :-)

फैली हुई है सपनों की बांहे, आजा चल दे कहीं दूर
वहीं मेरी मंझिल वहीं मेरी राहे आजा चल दे कही दूर

लता मंगेशकर / एस. डी. बर्मन / हाऊस नं. ४४


Prachee
Sunday, February 24, 2008 - 4:26 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

अरे, मी वर दिलेले गाणे ओळखा की.



Ankyno1
Monday, February 25, 2008 - 5:23 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

प्राची...

समाँ ये सुहाना
अकेले तुम हो, अकेले हम है....

(हे गाणं मला महिती नव्हतं... पण अत्ताच ऑफिस मधे कोणीतरी लावलं... आणि मला कळलं.... चित्रपट्-अल्बम कोणता ते माहिती नाही कारण गाणं
general folder मधे आहे....)

Ankyno1
Monday, February 25, 2008 - 7:40 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

हे ओळखा....

दिल तो देते है लेते है लोग कई बार
दिल तो देते है लेते है लोग कई बार
हुआ क्या किसी से
किया था तुमने प्यार
यादोंको छोड दे
वादोंको तोड दे


Tanyabedekar
Monday, February 25, 2008 - 8:18 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

मी काही कोडं घालत नाहिये. पण खुप वर्षांपुर्वी मी कुणाकडे तरी एक गाणं ऐकलं होतं.. गाणं लताचं आहे. पण सुरुवातीला मदन मोहनने संपूर्ण गाणं गावून दाखवले आहे (बॅकग्राउंडला फक्त पेटी आहे).. आणि लताने त्याचे गाणे संपता संपताच ते गाणे उचलले आहे.. अफलातून आहे केवळ.. मला चाल लक्षात आहे.. शब्द मुळीच नाही.. मुखडा साधारण असा आहे-
माएरीSSS, मै कासे कहुं प्रीत...


Dineshvs
Monday, February 25, 2008 - 8:43 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

माई री मैं कासे कहूँ पीर अपने जिया की

ओस नयन की उनके मेरी लगी को बुझाये ना
तन मन भीगो दे आके ऐसी घटा कोई छाये ना
मोहे बहा ले जाये ऐसी लहर कोइ आये ना
ओस नयन की उनके मेरी लगी को बुझाये ना
पडी नदिया के किनारे मैं प्यासी

पी की डगर में बैठा मैला हुआ री मोरा आंचरा
मुखडा है फीका फीका नैनों में सोहे नहीं काजरा
कोई जो देखे मैया प्रीत का वासे कहूं माजरा
पी की डगर में बैठा मैला हुआ री मोरा आंचरा
लट में पडी कैसी बिरहा की माटी


असे ते, गाणे आहे. सिनेमा दस्तक.


Zelam
Monday, February 25, 2008 - 5:28 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

Anky01 समा है सुहाना चित्रपट गुंज.
कुमार गौरव, जुही चावला अभिनीत.


Tanyabedekar
Monday, February 25, 2008 - 6:22 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

धन्यवाद दिनेश.. मदन मोहनने का पहिल्यांदा गायले आहे?

Ankyno1
Tuesday, February 26, 2008 - 4:46 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

झेलम...

उत्तर चुकलय...

देव आनंद च्या सिनेमातलं गाणं आहे.....


Ajjuka
Tuesday, February 26, 2008 - 6:01 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

अजून एक कडवं राह्यलं माइ री मधलं.

आंखोंमे चलते फिरते रोज मिलेंगे पिया बावरे
बैंया की छैय्या आके मिलते नही है कभी सावरे
दुख ये मिलन का लेके क्या करू मै कहा जाऊ रे
आंखोंमे चलते फिरते रोज मिलेंगे पिया बावरे
पाकर भी नही उनको मै पाती
माइ री!!


Ajjuka
Tuesday, February 26, 2008 - 6:03 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

माझ्याकडे आहे हे गाणं. मदनमोहनने म्हणलेलं आणि लताचं वेगवेगळं.
पण लताने जे काही 'हा माइ री' असं म्हणत उचललंय ना गाणं.. व्वा!!


Yogita_dear
Tuesday, February 26, 2008 - 7:02 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

पन्न की तमना है के
हीरा मुझे मिल जाये..

हेच आहे ना ते गाण???


Ankyno1
Tuesday, February 26, 2008 - 7:43 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

योगिता...

बरोबर आहे उत्तर.....


Aaftaab
Tuesday, February 26, 2008 - 8:26 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

आता हे ओळखा

जाने कहा कैसे शहर
लेके चला ये दिल मुझे
तेरे बगैर दिन ना जला
तेरे बगैर शब ना बुझे


Ankyno1
Tuesday, February 26, 2008 - 8:58 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

सिली हवा छू गयी
सिला बदन छिल गया
नीली नदी के परे
पीला सा चाँद खिल गया

लिबास मधलं


Ankyno1
Tuesday, February 26, 2008 - 9:42 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

खूपच सोप्पं देतोय.....


हर वक्त तेरा ही नशा है
ये प्यार करने की सज़ा है
तूने इतना बेचैन किया
दिल ओ जान तुझपे कुर्बान किया


Abhi_
Tuesday, February 26, 2008 - 11:27 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

24*7 I think of you...

शान / हिमेश रेशमिया / ३६ छायना टाऊन


चोखंदळ ग्राहक
महाराष्ट्र धर्म वाढवावा
व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत
पांढर्‍यावरचे काळे
गावातल्या गावात
तंत्रलेल्या मंत्रबनात
आरोह अवरोह
शुभंकरोती कल्याणम्
विखुरलेले मोती


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हितगुज दिवाळी अंक २००७






 
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