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Archive through February 22, 2008

Hitguj » My Experience » बहु(जनांकडून)श्रुत » गाणे ओळखा » Archive through February 22, 2008 « Previous Next »

Ankyno1
Thursday, February 21, 2008 - 7:00 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

प्राची....

पहिलं-
तौबा तौबा क्या होगा
(मिस्टर नटवरलाल)

आणि दुसरं-
ले चले डोलियोमें तुम्हे
गर इरादा करो
(फिलहाल)


Ankyno1
Thursday, February 21, 2008 - 7:09 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

हे ओळखा.....

मालूम ना था इतनी
मुश्किल है मेरी राहें
मुश्किल है मेरी राहें
अरमाँ के बने आसूं
हसरत ने भरी आहें

(क्लू: कृष्ण्-धवल गाणे)


Lalitas
Thursday, February 21, 2008 - 8:16 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

जब दिल ही टूट गया, जब दिल ही टूट गया
हम जी के क्या करेंगे....
[गायक: कुंदनलाल सहगल, चित्रपट: शहाजहान]


Ankyno1
Thursday, February 21, 2008 - 8:50 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

सही जवाब....

आता हे सांगा....

इक चेहेरा अक्सर मुझे याद आता है
इस दिल को चुपके चुपके वो तडपाता है
जब घरसे कोई भी खत आया है
कगज़ को मैने भीगा भीगा पाया है
पलकोंपे यादोंके कुछ दीप जैसे जलते है
कुछ सपने ऐसे है जो साथ साथ चलते है
कोई सपना ना टूटे कोई वादें ना टूटे
तुम चाहो जिसे दिल से वो तुमसे ना रूठे


Nkashi
Thursday, February 21, 2008 - 10:04 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

क्लु द्या की? (देवा !!! हे चार शब्द)

Shraddhak
Thursday, February 21, 2008 - 10:48 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

जब घरसे कोई भी खत आया है
कगज़ को मैने भीगा भीगा पाया है<<<<
बॉर्डर किंवा LOC मधलं कुठलं गाणं आहे का हे? अंदाज पंचे दाहोसे....

Ankyno1
Thursday, February 21, 2008 - 11:11 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

border... LOC....

त्याच पठडीतला सिनेमा म्हणता येईल....
पण खूप वेगळा....

संगीत शंकर्-एहसान्-लाॅय चं आहे...
(दिग्दर्शकाचा दुसराच सिनेमा होता....)


Tanyabedekar
Thursday, February 21, 2008 - 11:36 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

लक्ष.. शंकर एहसान लॉय.. बॉर्डर एल ओ सी च्या पठडीतला सिनेमा.. फरहान अख्तरचा दुसरा सिनेमा.. गाणे नाही माहिती :-)

Rishikeshkale
Thursday, February 21, 2008 - 12:03 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

'कंधों से मिलते हैं कंधे' 'लक्ष्य'

Shraddhak
Thursday, February 21, 2008 - 12:17 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

हां यही रस्ता है तेरा... का?
ते आणि ' अगर मै कहू ' एवढी दोनच गाणी आठवतायत.
:-)

Ankyno1
Thursday, February 21, 2008 - 12:46 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

rishikesh....


सही जवाब.....

श्रद्धा....
मैं ऐसा क्यू हूं नाही का आठवत?


Rishikeshkale
Thursday, February 21, 2008 - 12:49 pm:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

हे ओळखा:

ये रत जगे लम्बी रातों के दिल न लगे, क्या करुं
ये सिलसिले दिल की बातों के जादु चले, क्या करुं

बिखरा झुल्फें सो जाऊं
दिल चाहे कहीं खो जाऊं


Ankyno1
Friday, February 22, 2008 - 4:47 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

मदहोश दिल की धडकन
चुप सी ये तनहाई

जब प्यार किसीसे होता है (सलमान्-ट्विंकल वाला)


Ankyno1
Friday, February 22, 2008 - 4:49 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

an easy 1.....

फूल तितली और कलियाँ
हो गए तुमसे खफा
छीन ली जो तुमने इनसे
प्यार की हर इक अदा


Yogita_dear
Friday, February 22, 2008 - 5:12 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

कोई तुमसा नही...
हो कोई तुमसा नही....


Rishikeshkale
Friday, February 22, 2008 - 7:34 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

'मदहोश दिल की धडकन' उत्तर बरोबर.

हे ओळखा:

ख्वाबो खयालों मे खो गई हुं
जागी हैं आन्खें मैं सो गई हुं

बिन तेरे हमनशीं
निन्द आती नही

हाल क्या होगा हमारा
ये तो शुरुआत है


Prachee
Friday, February 22, 2008 - 8:56 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

rishikesh , तुम्ही दिलेले गाणे आहे बागी मधलं
चांदनी रात है तु मेरे साथ है


Ankyno1
Friday, February 22, 2008 - 10:15 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

हे ओळखा-

जो तू यूं पास आया है
जो तू यूं दिल पे छाया है
तो मैने क्या पाया है कैसे कहूं
कहीं धडकन की कलियाँ है
कहीं सपनोंकी गलियाँ है
जो मन मे रंगरलियाँ है कैसे कहूं


Abhi_
Friday, February 22, 2008 - 11:47 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

सावरीया सावरीया मैं तो हुई बावरीया

अलका याज्ञिक / ए. आर. रेहमान / स्वदेस


Prachee
Saturday, February 23, 2008 - 3:26 am:   Edit Post Delete Post Print Post  Link to this message

हे गाणे ओळखा

सजायी है हमने ख्वाबोंकी महफ़िल
हमें मिल गयी है मोहोब्बत की मंजिल


चोखंदळ ग्राहक
महाराष्ट्र धर्म वाढवावा
व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत
पांढर्‍यावरचे काळे
गावातल्या गावात
तंत्रलेल्या मंत्रबनात
आरोह अवरोह
शुभंकरोती कल्याणम्
विखुरलेले मोती


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हितगुज दिवाळी अंक २००७






 
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