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Amruta
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| Tuesday, November 20, 2007 - 6:05 pm: |
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LOL , चला म्हणजे अगदिच काही सोप नाहिये. दिनेश, गाण परविन बाबीचच आहे, पण हे नाही.
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Itgirl
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| Wednesday, November 21, 2007 - 9:29 am: |
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अमृता, रात बाकी, बात बाकी होना हैं जो, हो जाने दो.. बरोबर?
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Divya
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| Wednesday, November 21, 2007 - 2:17 pm: |
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भलतच अवघड गाण आहे हे तर.
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Itgirl
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| Wednesday, November 21, 2007 - 3:34 pm: |
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पण बरोबर आहे का?? अमृऽऽऽताऽऽ सांग की
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Tonaga
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| Wednesday, November 21, 2007 - 4:45 pm: |
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javaan jaaneman haseen dilrubaa ye kya gajab hua ye kya julam hua... correct? sorry cant write marathi well
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Amruta
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| Wednesday, November 21, 2007 - 4:59 pm: |
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आयटे तुझ चुकल ग... पण त्याच सिनेमातल(नमखहलाल) असल्याने तुला ५० मार्क. आणि टोणग्याला १०० पैकि १०० मार्क
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Divya
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| Wednesday, November 21, 2007 - 7:07 pm: |
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यादोंको हम संभाले, वादोंको हम ना भुले. ओळखा बघु.
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Vijay_desh
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| Wednesday, November 21, 2007 - 10:46 pm: |
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रंग रंग मेरे रंग रंग मे, रंग जाती है तो रंग.. संग संग मेरे संग संग मे.. राहुल खन्ना आणि लिसा रे चा सिनेमा आहे.. आता हे ओळखा जहर भी उसने दवा जान के खाया होगा...
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Tonaga
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| Thursday, November 22, 2007 - 4:11 am: |
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vijay this song is from hakeekat (old) hoke majaboor usane mujhako bhulaya hogaa... correct?
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हे ओळखा.. तेज चल रही है गाडी उड न जाये तेरी साडी.
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Dakshina
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| Thursday, November 22, 2007 - 5:42 am: |
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भलतंच गाणं आहे, ओळखूच नाही येत...
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Dineshvs
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| Thursday, November 22, 2007 - 6:35 am: |
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दिल करे जबतक, बॉंबे से बरोडा तक, गाते रहे तबतक. ----- तूमभी डियर कुछ गाओ, असे शब्द आहेत या गाण्यात बहुतेक.
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रफ़ूचक्कर मधलं गाणं आहे हे रिशी कपूर अन पेन्टल गातात गाडीत (मुलींचा वेश घेऊन). धमाल चित्रपट अगदी! नन्दिनी, छान आठवण दिलीस!
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Dineshvs
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| Thursday, November 22, 2007 - 8:17 am: |
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सूर को संभाल, ताल को संभाल दोनोको संभाल वर्ना होगा बुरा हाल या ओळी पण त्यातल्याच ना ?
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बरोब्बर.. काल ह्या पिक्चरची सीडी लावली होती त्यावरून आठवण झाली. आता हे खाबो मे तुझको सवारा है नगमो मे अपने उताराहै मेरी ये आंखे जिधर देखे तेरा ही तेरा नजारा है... एकदम सोप्प..
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Nkashi
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| Thursday, November 22, 2007 - 10:05 am: |
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अरे काय नंदिनी, मर्डर मधल गाण आहे... किती सोपSSS
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Monakshi
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| Thursday, November 22, 2007 - 10:18 am: |
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हे गाणं ओळखा: फुरसत मिली ना तुम्हे अपने जहॉंसे, उसके के भी दिल की कभी समझते कहा से
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वो तो है अलबेला, हजरो मे अकेला.सदा तुमने ऐब देखा हुनर को न देखा. चित्रपट्- कभी हा कभी ना. शाहरुख खान आनि सुचित्रा.
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काशी. गाणं सांगितलंच नाहीस की गं,,
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Monakshi
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| Thursday, November 22, 2007 - 10:56 am: |
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हम्म्म्म. अक्शि बराबर... ..
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज दिवाळी अंक २००७
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