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माई री मध्ये रिमी सेन होती ना?
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विषयाला धरुन चर्चा करा.
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Runi
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| Friday, March 30, 2007 - 3:50 pm: |
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सुनिधी, youtube.com वर आहेत ही सगळी गाणी. Euphoria असे शोध. रुनि ता.क. : माॅड्_७ क्षमस्व, हे पोस्ट विषयाला धरुन नसल्यास उडवा काही काळाने.
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Sunidhee
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| Friday, March 30, 2007 - 5:17 pm: |
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मॉड, माझे काम झाले आहे. गाणी सापडली. आता पाहीनच.. थॅंक्यु दोस्तानो आणि दोस्तीणीनो.
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Sas
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| Friday, April 20, 2007 - 6:56 pm: |
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ये दोसती हम नहीं छोडेंगे छोडेंगे "गम" मगर तेरा साथ न छोडेंगे
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सामने ये कौन आया दिल मे हुइ हलचल.. देखके हम "एक ही तरफ़" हो गये हैं पागल..
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Runi
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| Friday, April 20, 2007 - 11:16 pm: |
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देखके हम "एक ही तरफ़" हो गये हैं पागल >>> टि.बा. धन्य आहेस तु तुझे गाणे वाचल्यावर मी खरे गाणे काय आहे सुरात म्हणुन बघायचा प्रयत्न केला, पण काही केल्या आठवेना आणि तु लिहीलयस तेच गाणे माझ्या तोंडी येत होते. छ्या.......काय बरं आहे मुळ गाणं...... (खुप विचार करणारा चेहरा)
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ख़रे गाणे असे आहे... (Thanks to google..) Samne yeh kaun aaya Dil mein hui hulchul Dekh ke bas ek hi jhalak ho gaye hum pagal..
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>> देखके बस एकही तरफ मान अवघडलीय वाटतं टिवल्याची
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अहो खरच हो.... कोणी तरी या हो दुसया बाजुनी.....
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थोडे आम्बट आहे....... पण लहाणपणी मी छोटा होतो ना......... म्हणुन आसेच गाणे म्हणायचो........ " आप जेसा कोई मेरी ज़िन्दगी मे आये तो "बाप" बन जाए.... हा हा बाप बन जाये...... चु. भु. दे. घे.
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लकडी नीघाली.... काठि पे घोडा... घोडे टुडुम पे जो मारा हातोडा... दोडा दोडा दोडा घोडा दुम दबा के दोडा....... होप की खरे बोल सगळ्याना माहित आसतिल....
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केशवा माधवा तुझ्या नामात रे गोडवा...... लहाणपनी बरेच दीवस... पेशवा माधवा तुझ्या मामात रे गोडवा आसेच म्हनायचो.....
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Dakshina
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| Tuesday, June 12, 2007 - 6:55 am: |
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अलिकडेच ऐकलेलं गाणं अर्पिता अर्पिता..... जब तुने कहदिया.. अलविदा.... मला वाटायचं हे गाणं कुणा अर्पिता नावाच्या मुलीला उद्देशूनच आहे....
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ते अजुन एक गाणे आहे बघा "शक्किरा वे शेक इट अवे शेक इट अवे" त्याच्या पुढे काये ते.. मी ऐकते "यस्सिनारोबी" म्हणजे काय?कुठली भाषा आहे ही?
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Dakshina
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| Thursday, June 14, 2007 - 8:11 am: |
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रुतू, ते गाणं मी पण खूप वेळा लक्षं देऊन ऐकायचा प्रयत्न केला, पण मलाही काही कळलं नाही. अत्यंत अगम्य आहे.  
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Monakshi
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| Friday, June 22, 2007 - 5:51 am: |
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ही एक जाहीरात आहे, cinthol ची. त्यात ते गाणं म्हणतात, 'तन ताजे मन ताजे, cinthol ने सारे क्षण ताजे' त्यातले 'तन ताजे मन ताजे' मला वाटायचं 'बत्तासे बत्तासे'
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Rajya
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| Thursday, June 28, 2007 - 11:56 am: |
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एक हिंदी गाणं आहे, बर्यापैकी जुनं आहे, म्हणजे जितेंद्र वगैरे असावा हीरो म्हणुन, धीरे धीरे सुबह हुई जाग उठी जिंदगी पंछी चले अंबर को, अंबर को, अंबर को 'माँजी' चले सागर को, सागर को, सागर को आता या गाण्यात माँजी (आई) सकाळी सकाळी उठुन समुद्राकडे कशाला जात असतील हा विचार करुन करुन थकलो
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Ksha
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| Thursday, June 28, 2007 - 7:15 pm: |
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राज्य, HHPV तरी नशिब त्यांत "लौटा" "लेके" वगैरे शब्द नव्हते
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Chyayla
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| Friday, June 29, 2007 - 2:00 am: |
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राज्य आणी क्ष तुमच्यामुळे आठवलेले एक हिन्दी गाणे "तु प्यार का सागर है, तेरी ईक बुन्द के प्यासे हम.. त्यापुढे... लौटा जो दीया तुमने, चले जायेन्गे जन्हासे हम.." यातल्या लौट्यानी असाच आमच्या मराठी बालमनाचा गोन्धळ उडाला होता.
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज दिवाळी अंक २००७
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