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Moodi
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| Wednesday, May 24, 2006 - 10:06 pm: |
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अरेरे!! नाही असामी तो पक्का मुंबईकर होता, कारण त्याला कल्याणला जाऊन एक रीसेप्शन आटोपुन परत दादरला यायचे होते. अन मी बरी बसु देईन एखाद्या मुंबईकरणीला मांडीवर. काय सुन होणारे का ती माझी? सरका रे मुंबईकरांनो बाजूला.
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Asami
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| Wednesday, May 24, 2006 - 10:06 pm: |
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बाकी पुणे आजकाल पूर्वीचे राहिले नाही बघा. अस्सल पुणेकरांना इतर शहरांचे किस्से सांगावे लागतात म्हणजे तुम्हीच बघा निनावे , त्या sk मधून कधी college मधे आली असतीस म्हणजे ती पाटी दिसली असती. यंदा गेलीस कि बघून ये.
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Moodi
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| Wednesday, May 24, 2006 - 10:08 pm: |
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असामी भुगोल एवढा कच्चा नाही हो, मी रद्दीतुन आणलेली पुस्तके वाचत नाही. ~D चला तुमचे चालू द्या रात्रभर, मी चालले आराम करायला. टाटा, बटाटा, टमाटा.
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Moodi
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| Wednesday, May 24, 2006 - 10:11 pm: |
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आर्च सही. IT मुळे वाढलेले भाव सोडले तर मुंबईपेक्षा पुष्कळ बरे आहेत पुण्यातले जागेचे भाव.
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Asami
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| Wednesday, May 24, 2006 - 10:14 pm: |
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moodi, 2 ला जेवण आटोपून मग कल्याणला २ तास मगजमारी करून जायचे , reception मधे ice cream खायला ? छे छे, हा मुंम्बईकराचा स्वभावधर्म वाटत नाही. मला तर कुठल्या तरी वेगळ्याच शहराची शंका येतेय. *zakki mode ON* भूगोल , पुस्तके , रद्दी ? उगाच का पेशवाई बुडाली ? हटकेश्वर , हटकेश्वर *zakki mode OFF*
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Atul
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| Wednesday, May 24, 2006 - 10:20 pm: |
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बोहरी आळी पुणे मी: ये साइझ के बोल्ट्स चाहिये गोल टोपी:बॉम्बे से मन्ग्वाने पडेन्गे मी: चलेगा लेकीन अर्जन्ट चाहिये टोपी: अर्जन्ट चाहिये? अगले हफ्ते आना! मी: अर्जन्ट मतलब कल तक चाहिये टोपी: भाई, बोलाना अगले हफ्ते आना मी: ये हफ्ते कुछ नही हो सकता क्या? टोपी: हमारा जो आदमी बॉम्बे जाता है उस्की शादी है और बाकी के सब लोग उस्की शादी मे बिझी है; मै दूकान बन्द ही करनेवाला था ( 7.15 PM ) इतनेमे आप आ गये
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खरे पुणेकर हिंदी बोलत नाहीत.
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Milindaa
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| Thursday, May 25, 2006 - 10:32 am: |
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ठीक आहे, पण विषयाला धरुन बोला.. हा विनोद नाही. मुंबईसाठी नवीन बीबी उघडा हवं तर
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इथे गंमत कमी आणि वाद, TP जास्त होत आहे. त्यामुळे सध्या हा BB बन्द करण्यात येत आहे
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हा बीबी उघडला आहे, मात्र पुन्हा वाद न होण्याची सर्वजण खबरदारी घेतील अशी आशा आहे.
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मॉड, आभारी आहे. एका छोट्याश्या पाटीने पुन:श्च श्रीगणेशा करावा.

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Rahul16
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| Friday, August 11, 2006 - 7:13 am: |
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सही रे अमेय आणि राहुल मस्त आहेत पाट्या !!! अरे राहुल.. मी जी टाकणार होतो ती पाटी तू आधीच टाकलीस.. ठीक आहे.. ही घ्या अजून एक 
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Farend
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| Wednesday, August 23, 2006 - 7:42 am: |
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पुण्यात पाहिलेली पाटी: "येथे घरगुती अंडी मिळतील"
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Mrdmahesh
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| Wednesday, August 23, 2006 - 8:24 am: |
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सहिच farend ... घरगुती अंडी कुठे आहे ही पाटी? सगळ्यांना नेऊन दाखवीन म्हणतो (पाटी.. अंडी नव्हे!) आणि ती मराठ्यांची पाटी एक दिवस इथे येणार याची खात्री होती मला
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Cool
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| Wednesday, August 23, 2006 - 12:18 pm: |
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कोथरुड भागतील एका मेस मधील पाटी, ' मेस मधे शिट्टी वाजवु नये ' यावर मेसवाल्याला प्रश्न विचारल्यावर त्याने काहीही न बोलता समोरच्या लेडीज होस्टेलकडे बोट दाखवले..
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Jaaaswand
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| Wednesday, August 23, 2006 - 1:31 pm: |
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ही घ्या... अजून एक 
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Arch
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| Wednesday, August 23, 2006 - 2:21 pm: |
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आता न समजणार्यांसाठी अशा पाट्या लावाव्या लागतात.  
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Manuswini
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| Wednesday, August 23, 2006 - 4:01 pm: |
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आता नारळ्याच्या झाडाखाली गाडी लावल्यास नारळ गाडीवर पडेल डोक्यात कशाला पडेल? ए. ख. प्र.
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Farend
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| Wednesday, August 23, 2006 - 6:54 pm: |
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कदाचित आपल्या घरातून झाडापर्यंत जाणारा दोरा, कात्री वगैरे वापरून एखादा अस्सल मालक स्वत्:च्या मर्जीने नारळ पाडू शकत असेल गाडी पार्क करणार्यांच्या डोक्यावर. पुण्यात तुम्हाला असेही 'श्रीफल' मिळेल
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज दिवाळी अंक २००७
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