अजुन काही परमवीर कुलदीप पवारची नाजुका किलेका रहस्य बन्दीनी
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Sandyg15
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| Thursday, December 22, 2005 - 4:17 pm: |
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कलीगंज की बहु - श्रीकांत' 'द्वीधाता' आठवते आहे का कुणाला? त्याच title music मस्तं होतं एकदम.
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बी, नुतनच्या त्या सिरीअल चं नाव होतं मुजरीम हाजिर हो
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Zelam
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| Thursday, December 22, 2005 - 6:05 pm: |
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बी कुछ खोया कुछ पाया शीर्षक गीत यादोंके धुंदले दर्पणमे बीते हर पल की छाया है हर मोड पे मैने जीवनके कुछ खोया है कुछ पाया है
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Prajaktad
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| Thursday, December 22, 2005 - 7:27 pm: |
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खरच!एकता कपुर छाप तमाम सिरिअल पेक्शा या सर्वच जुन्या सिरिअल किति किति मस्त होत्या. भारत एक खोज हि छान होते.. सैलाब च्या गझल अजुन आठवतात. या जुन्या मालिकांच्या dvd काढायलाच पाहिजे.
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आणि पुर्वी १३ की १६? भागात त्या संपायच्या हे खरच किती छान होते. चुटपुट लागायची. आता मात्र वर्षानूवर्षे तेच आणि दोन वर्षांनी जरी त्या सिरिअलचा भाग बघितला तरी त्या कळायला फ़ारसे कष्ट पडत नाहीत.
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Parijat30
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| Thursday, December 22, 2005 - 8:50 pm: |
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पुर्वी रानजाई नावाची मालिका पण यायची न मंगळवारी. त्यात किती छान पद्धतीनी आपल्या सणांची माहिती द्यायचे.
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नुक्कड मधे teacherji ज़ालेल्या नटीच नाव कोणी सान्गु शकेल का?
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Paragkan
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| Thursday, December 22, 2005 - 9:05 pm: |
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रमा विज?
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Anuli
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| Thursday, December 22, 2005 - 11:47 pm: |
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ajun ek serial..shaletalya mulanchi hoti. tyache nav "Neev" ravivari sakali asaychi. shalet astana ravivari sakali class madhn sutlyavar palat palat ghari jaycho baghayla. ani are tumhi "Rangoli" kase visarlat? ravivarchi sakal rangoli nich suru vaychi.
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Anuli
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| Thursday, December 22, 2005 - 11:52 pm: |
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आनखी...एक शुन्य शुन्य, श्वेताम्बरा,
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Anuli
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| Thursday, December 22, 2005 - 11:56 pm: |
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Dheeraj kumarchi Adalat athavte ka? ani kitu gidwani chi khoj. shekhar suman chi ek serial sakali lagaychi "vah Janab" mhanun. Reporter pan chan hoti.
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Anuli
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| Friday, December 23, 2005 - 12:03 am: |
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bee tya health program che naav" Aarogya Sampada". ani Dynanadeep athavte ka? ani batmya denari sagli manadali..smita talwalkar, vasanti vartak, pradeep bhide, Patwardhan(pahile nav athavt nahi)ani bhave navache ek jan.
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चाणक्यची सीडी मी १-२ महिंन्यापूर्वी इथेच लक्ष्मी रोडवरच्या एका दुकानात पाहिली होती. तरीही पुन्हा एकदा बघुन सांगेन. रचना, फौजीमधला तो शाहरुख खानचा आठवतो का, 'किसीको कोइ शक या सवाल?' आणि क्या ऐसा भी होता है ही पण छान होती पोटली बाबाकीचं गाणं- घुंगुरवाली झेनुवाली झुन्नूका बाबा, किस्सोंका कहानियोंका गीतोंका छाबा हे आया आया झेनुवाली झुन्नूका बाबा आया रे बाबा आया रे..... असंच होतें ना, मला ते फार अवडयचं आणि फेअरी टेल्स आठवतायत का? आणि हो, ती सिग्मा वगैरे असलेली कोणती सिरीयल होती? आणि एक कार्टून म्हणजे अनिमटेड होती ती सिरीयल... नाव नही आठवत पण त्याचे गाणं असं होतं-- हवा मिठी तु आजा पुरबसे तुफ़ान तु आजा रे पश्चिमसे... निली घगरी मुझे बुलाती.....झुनझुनझुन
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Bee
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| Friday, December 23, 2005 - 6:17 am: |
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झेलम, धन्यवाद! असच होत आणि आव्हान मालिकेच title song अस होत आव्हान फ़ुले आव्हान आव्हान फ़ुले आव्हान नारीला समजूनी अबला आजवरी जो झाला नाव न त्याचे उरेल आता उठले धूंद तुफ़ाण बंदीनी पण मस्त होत म्हणजे त्यावेळेस अशा प्रकारच्या मालिका इतक्या नव्हत्या त्यामुळे एक नाविन्य होत मज्जा येते आहे ह्या बीबीवर.... पण आता संपली वाटत सगळी नावे
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Jo_s
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| Friday, December 23, 2005 - 6:29 am: |
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एक संस्कार का अशाच नावाची शाळे संबंधी सिरीयल होती. मोहन जोशी होता त्यात. छान होती तीही
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हो हो आठवल . कसला क्यूट होता तेंव्हा पण तो सिग्मा पण आठवली. रविवारी लागायची ना? त्या फ़ेअरी टेल्स नक्की कुठल्या देशाच्या होत्या? मी इथे इतक्या शोधल्या पण नाही मिळाल्या. ते हवा मिठी गाण मला पण आठवल. कोणती होती सीरीयल?
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बी, ते गाणे, 'नारीला समजुनी अबला छळ आजवरी जो झाला' असे होते. आणि विक्रम और वेताळ च्या नंतर लगेच एक सिरीयल लागायची, त्यातही राजा-राणीच्या गोष्टी असायच्या....त्याचं टायटल राजा रानी की कहानियां ..... असं काहितरी होतं. वागळेकी दुनिया आणि मि. योगी छान होत्या........ मि. योगीमध्ये तो बारा राशींच्या बारा मुली बघतो त्यात राधा सेठ होती, ती त्याच्यापेक्षा उंच असते आणि वरुन शेजारी बघत असतात, तिला उभी राहू नको म्हणुन सांगितलेलं असतंय आणि ती उभी राहील्यावर उंची है, उंची है असे लगेच comments पास होतात..... मजेशीर होती सिरीयल. त्या ओम पुरीचेही काम छान झालं होतं.
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Dakshina
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| Friday, December 23, 2005 - 7:21 am: |
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आणि १.इंद्रधनुष २.प्रोफ़ेसर विसरभोळे ३.पचपन खंबे लाल दिवारी..
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अनुली, त्यांचं नाव चारुशीला पटवर्धन, आणि अनंत भावे. भक्ती बर्वे आणि माशी यांचं काय नातं होतं देव जाणे. कुठुन तरी माशी यायचीच. आणि " व्यत्यय " ची पाटी अगदी कार्यक्रम रंगात आला कि झळकायची.
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Surthorat
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| Friday, December 23, 2005 - 7:56 am: |
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वर कोणीतरी कवलजीत सिंगच्या मालिकेचा उल्लेख केलाय. त्या मालिकेचे नाव फरमान असे होते. त्याशिवाय करमचंद जासुस सिरियल पण छान होती. भारत एक खोजचे गाणेही सुंदर होते. सृष्टीका कौन है कर्ता कर्ता है या अकर्ता उंचे आकाश मे रहता सदा अध्यक्ष बना रहता
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Sarang23
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| Friday, December 23, 2005 - 7:59 am: |
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शुभाशिष, त्या सिरीयलच नाव दादा दादी की कहानीया अस होत. स्पेसिटी सिग्मा पण ठिक असायची. पण सगळ्यात छान वाटायच ते एकता का वृक्ष आणि सिम्मी हे राष्ट्रीय एकात्मतेवरचे ऍनिमेशन. गुणीराम Geogrophy of India प्रतिबिंब: विक्रम गोखले सिहासन बत्तीसी डॉनल्ड डक,मिकी माऊस आणि गुफी... रजनी एक से बढकर एक्: जेव्हा अंतरा आणि मुकुल काम करायचे. नंतर डब्बा केली होती ती त्या जगदीपच्या पांचटपणामुळे. फ़ास्टर फेणे...याही छान सिरीयल होत्या
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Sarang23
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| Friday, December 23, 2005 - 8:05 am: |
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Turning point: महेश भट्ट द फ्लॉप शो चेकॉव की कथाये जबरी असायच. तशी नविनच म्हणजे १० वर्षांपुर्वी व्हायची! शुक्रवारी ४.०० वाजता, पण खुप आवडायची- डिझनीज अल्लादिन
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Milya
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| Friday, December 23, 2005 - 9:32 am: |
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चुनौती सुबह चुनैती चे गाणे मला खूप आवडायचे हर पल जीवन का एक चुनौती हैं कुणाला येते का ते पूर्ण? अजून एक हिंदी मालिका होती की ज्यात तिघे भाउ असतात आर्मी किंवा airforce मध्ये आणि एक भाउ मित्राच्या लग्नाला जातो आणि ऐनवेळी मित्र लग्न मोडतो मग त्या मुलीशी तोच लग्न करतो वगैरे... खुप कमी भागांची होती पण अजुन लक्षात आहे. कुणाला नाव आठवतेय का? तसेच DD's comedy show आणि tele matches पण धमाल असायच्या.. DD's comedy show च्या सीडीज मिळतात का? ती कुठल्या देशातील होती? बहुतेक जर्मन असावी असे वाटते
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Iravati
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| Friday, December 23, 2005 - 11:13 am: |
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Vijaya Mehata yanchi LIFELINE aathavatey ka? Chhan hoti ti.... Pallavi Joshi chi AROHAN, Bhishm Sahani yanchi TAMAS.... Kamini Kaushal cha ek Puppet Show asayacha. Tabassum cha PHUL KHILE HAIN GULSHAN GULSHAN.... Jayant Naralikaranchi Neharu science center var ek serial hoti. tyacha title track gulzar ne lihila hota. " Aakash bahut uncha hai...." ase kahitari hote SHABDANCHYA PALIKADALE DNYANDIP GIANT ROBOT GAYAB AAYA SWAMI, CHANAKYA, GOTYA, AAVHAN, RAMAYAN, MAHABHARAT yanchya cd's market madhye vikat milatat Coolgoose var 'serials' ase search dilyavar mogali, bharat ek khoj etc navya - junya anek serials che title track milu shakatat
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Nimo25
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| Friday, December 23, 2005 - 1:23 pm: |
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hi, do any one remember serial by amol palekar,all well known marathi writers story's r played by very good actor/essfrom marathi PAAUL-KHUNA
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Boli
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| Friday, December 23, 2005 - 2:30 pm: |
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Amol Palekar'chi KACCHI DHUP serial chaan hoti. tyaat bhagyashree hoti.
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Sandyg15
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| Friday, December 23, 2005 - 3:06 pm: |
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गोट्या! .. .. ..
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Badbadi
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| Friday, December 23, 2005 - 3:45 pm: |
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त्या जसपाल भट्टी ची flop show पण छान होती...
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Raahul80
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| Friday, December 23, 2005 - 4:01 pm: |
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किले का रहस्य... बुधवारी का गुरवारी रात्री लागायची आणि, गुल गुलशन गुलफाम... रविवारी अरे हो, रगोली चालु आहे का आजुन? शक्तिमान, म्रुनाल कुलकर्णी आणि फारुक शेख ची मालीका कोणती होती?
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Anuli
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| Friday, December 23, 2005 - 11:35 pm: |
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mala ahun ek athavli.."Mungerilal ke hasin sapane" ani ravivari saklai ek serial lagaychi...chandrakanta.tyache pan title song chan hote. ani Udaan pan chan hoti.
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Anuli
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| Friday, December 23, 2005 - 11:35 pm: |
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mala ahun ek athavli.."Mungerilal ke hasin sapane" ani ravivari saklai ek serial lagaychi...chandrakanta.tyache pan title song chan hote. ani Udaan pan chan hoti.
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Anuli
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| Friday, December 23, 2005 - 11:37 pm: |
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Amchi mati amchi manse madhe mansing pawar, ravi patwardhan , maya gujar mandali asayhci. ani mag shevti maya gujar ek ukhanyatun kode vicharaychi. chan asayche te.
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Anuli
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| Friday, December 23, 2005 - 11:39 pm: |
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Nivedita joshi ani prashant Damle, daya Dongre yanchi ek gharkul navachi serial lagaychi. ani ho "Gajara" athavto ka? tyache title lagtana te shobhayantra dakhvayche te ajun athavtay.
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Pama
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| Friday, December 23, 2005 - 11:59 pm: |
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कय मजा आली सगळ्या जुन्या सिरीयल्सची नाव वाचून. केती छान होत्या त्या. एक एपिसोड मिस झाला तरी हळहळायचे. आताच्या सिरियल्स २ वर्षानी भारतात गेल तरी तिथल्या तिथेच असतात. आणखी या आठवतात का? अडोस पडोस- अख्ख्या सोसायटीची काय धमाल चालायची. चाळ नावाची वाचाळ वस्ती- चंदू पारखी बेस्ट होता त्यात! इधर उधर सुप्रिया पाठकची छान होती. असे पाहूणे येती- दर वेळी नवे नमूनेदार पाहुणे मजा यायची किलबिल कसे विसरलात. अजून लागत का ते? तबस्सूमची फूल खेले है गुलशन गुलशन मस्त असायची. रविवारी २-३ लागायच्या सगळ्यांची नाव आठवत नाहीत पण एक होती तो कोण कृपलानी त्याची, तो त्याची बायको आणि त्याचा बॉस( तो बओस volfarm tomato ketchu च्या ad मधे असायचा) आणि छोटे बडे म्हणून एक होती. एक होती बहुतेक पेईंग गेस्ट नावाची, त्या घरात नवेनवे पेईंग गेस्ट ठवायचे.
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