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| | Rmd 
 |  |  |  | Tuesday, July 11, 2006 - 6:23 am: |       |  
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 श्रीधर फडके यांचं एक गाणं हवं आहे. कोणाला माहीती आहे का?
 त्याची एक ओळ अशी आहे...
 
 "दोन रात्रींतील आता संपला वेडेपणा..."
 
 कोणाला हे गाणं पूर्ण माहीती आहे का?
 
 
 |  | | Chandya 
 |  |  |  | Wednesday, July 12, 2006 - 5:40 pm: |       |  
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 दोन रात्रींतील आता संपला वेडेपणा
 वेड पांघरण्यात होता वेगळा वेडेपणा...
 
 वाजली वेडी कडी अन दार हे शहाण्यापरी
 मोगरा माळून आला देखणा वेडेपणा...
 
 उंबरा ओलांडताना धीट हे झाले धुके
 ही धिटाई झेलताना लाजला वेडेपणा...
 
 अजून मजला कळत नाही वेड कोणी लावले
 वेड मज हा लावणारा कोणता वेडेपणा...
 
 कवी: प्रवीण दवणे
 
 
 |  | | Rmd 
 |  |  |  | Thursday, July 13, 2006 - 5:27 am: |       |  
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 thank you very much, Chandya!!
 
 
 |  | | Itgirl 
 |  |  |  | Thursday, July 05, 2007 - 6:39 am: |       |  
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 Namaskar mandali,
 
 2 diwasanpurvich join kele ahe ya site var ani tumhi tumha sarvanmadhe samil karun ghyal ashi asha aahe. Mala "avelich kehva jahala andhar" he gaane milu shakel ka please? Maaf kara mala ajun devnagrit lihita yet nahi ani font milvayacha prayatna kela pan kahi jamale nahi :-(
 
 
 |  | | Sas 
 |  |  |  | Monday, July 09, 2007 - 5:10 pm: |       |  
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 IT Girl
 
 Click Link Below
   
 http://www.dhingana.com/albums.php?value=MTM1NA%3D% 3D&category=&lookfor=Mzc3Nzc%3D
 
 
 |  | | Itgirl 
 |  |  |  | Thursday, July 19, 2007 - 7:43 am: |       |  
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 Sas  धन्यवाद!! मी पाहिलेच नाही इथे, आणि ऑफ़िसमधे तुम्ही पाठवलेल्या  link  ची  site open  करू शकत नाही
  पण बाहेरून नक्की बघेन, परत एकदा धन्यवाद   
 
 |  | दोन रात्रींतील आता संपला वेडेपणा
 वेड पांघरण्यात होता वेगळा वेडेपणा...
 
 वाजली वेडी कडी अन दार हे शहाण्यापरी
 मोगरा माळून आला देखणा वेडेपणा...
 
 उंबरा ओलांडताना धीट हे झाले धुके
 ही धिटाई झेलताना लाजला वेडेपणा...
 
 अजून मजला कळत नाही वेड कोणी लावले
 वेड मज हा लावणारा कोणता वेडेपणा...
 
 
 
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| मायबोली |  |  
| चोखंदळ ग्राहक |  |  
| महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |  |  
| व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |  |  
| पांढर्यावरचे काळे |  |  
| गावातल्या गावात |  |  
| तंत्रलेल्या मंत्रबनात |  |  
| आरोह अवरोह |  |  
| शुभंकरोती कल्याणम् |  |  
| विखुरलेले मोती |  |  
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| हितगुज दिवाळी अंक २००८ |  |  
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