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Dineshvs
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| Sunday, March 11, 2007 - 11:30 am: |
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पेंढ्या, दादरला शिवाजी मंदीरमधे जे मॅजेष्टिकचे दालन आहे तिथे बघितल्यासारखे वाटतेय हे पुस्तक. तिथे नसले तरी ते जरुर मिळवुन देतील.
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Pendhya
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| Tuesday, March 13, 2007 - 5:08 pm: |
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धन्यवाद दिनेश, मी मिळवण्याचा प्रयत्न करतो.
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Suja
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| Monday, April 21, 2008 - 8:00 pm: |
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साशाग नमस्कार पुस्तक माज़्या वदीलान कदे आहे. वीस वर्शान पुर्वि त्यान्नि आमच्या सोसाइतीत ते नातक बसवले होते. त्यातल्या चन्दुला आता दोन वर्शाचा चन्दु आहे
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Tonaga
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| Tuesday, April 22, 2008 - 4:11 pm: |
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हो हो आहे आताच परवा पुण्याला एका पुस्तकाच्या दुकानात पाहिले साष्टांग नमस्कार....
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सी रामचंद्र ह्यांचे "माझ्या जीवनाची सरगम" हे जरा वादग्रस्त होते पण चांगले वाचनीय होते असे ऐकले आहे. मलातरी हे पुस्तक मिळवता आलेले नाही. कुणी हे वाचले आहे का? कुठे मिळते माहित आहे का?
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Mrinmayee
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| Wednesday, April 23, 2008 - 1:34 am: |
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"माझ्या जीवनाची सरगम" की 'माझ्या आयुष्याची सरगम' ? आईकडे आहे हे पुस्तक. चांगलं आहे असं ऐकलंय. वादरस्त का म्हणे? सी. रामचंद्र बरीच वर्ष नागपुरला (हनुमान गल्ली, सीताबर्डी) इथे (आमच्या शाळेजवळ) रहायचे.
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Chinoox
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| Wednesday, April 23, 2008 - 12:42 pm: |
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वादग्रस्त कारण त्यात लताबाईंचं नाव न घेता बरंच काही लिहीलं होतं.. पुण्यात संभाजी पार्कसमोर त्यांचा बंगला ओसाड पडला आहे.. जुनी पुस्तकं हवी असल्यास रसिक साहित्यची वेबसाईट बघा..बरीच पुस्तकं उपलब्ध आहेत...
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Mrinmayee
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| Wednesday, April 23, 2008 - 1:56 pm: |
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रसिकवर हे पुस्तक उपलब्ध नाही. बघीतलं.
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मायबोली |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज दिवाळी अंक २००८ |
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