|
Priyasathi
| |
| Saturday, December 31, 2005 - 11:19 am: |
| 
|
Namaskar Bandekarannu.. ata haisar bhetat java...
|
Gurudasb
| |
| Sunday, January 01, 2006 - 6:46 am: |
| 
|
तुजा स्वागत गो हयसर. तू सिंधुदुर्गातला , तेवा खयच्याय गावात येवन गजाली करूक हरकत नाय. सगळे गजालीर रोज गावतले. गुरुकाका.
|
Bandyatala mhanje patradevichyajawal ja banda aasa thaychach mago tu
|
Niwedita
| |
| Wednesday, May 30, 2007 - 9:58 am: |
| 
|
गो तू मनिषा पाटिल काय गो रवळनाथ पाटिल सरांचा?
|
नमस्कार बान्देकरान्नू... काय म्हणता बान्दा
|
काय हो गुरुकाका तुम्ही खयचे...? म्हन्जे खयच्या गावचे............? माझ्याशी बोलशात मा..........? मी काय हाक मारू तुमका...? काका म्हटलय तर चलात ना....?
|
|
हितगुज दिवाळी अंक २००७
|
 |
मायबोली |
 |
चोखंदळ ग्राहक |
 |
महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
|
व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
|
पांढर्यावरचे काळे |
|
गावातल्या गावात |
|
तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
|
आरोह अवरोह |
|
शुभंकरोती कल्याणम् |
|
विखुरलेले मोती |
|
|
|
हितगुज दिवाळी अंक २००६ |
|
|