|
Kavitha
| |
| Sunday, May 29, 2005 - 4:33 pm: |
| 
|
kasa kay challay koni golvankadcha asa ka huisar
|
|
|
|
मायबोली |
 |
चोखंदळ ग्राहक |
 |
महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
|
व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
|
पांढर्यावरचे काळे |
|
गावातल्या गावात |
|
तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
|
आरोह अवरोह |
|
शुभंकरोती कल्याणम् |
|
विखुरलेले मोती |
|
|
|
|