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Gurudasb
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| Friday, February 17, 2006 - 3:59 pm: |
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रूप तुला येतो म्हणालो आणि तब्येत अचानक बिघडली . आता जरा बरे आहे . धन्यवाद .
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काय काका अस करतात? नीट काळज़ी घ्या तब्येतीची आणि साखरेचे पदार्थ जास्त खा... get well soonnn... I'm waiting for the lunch again after u get well.....
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काय कुणिच फ़िरकल नाही इथे? काय काका तुम्ही पण बर वाटल तरिही आले नाहित? रागवली मी तुमच्यावर आत्ता
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डोकावुन पाहिल पण मेनुच दिसला नाहि म्हणुन परत फिरलो.. आणि हो तब्येत खराब असताना लाल होणे बरे नव्हे.. काका, निलु नि आता तु.. काळजि घे ग..
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सुप्रभात!!!!! आळश्यांनो उठा लवकर..
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Yogi050181
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| Wednesday, February 22, 2006 - 6:06 am: |
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शुभ मध्य प्रभात खवय्येलोक्स.. आजचा मेनु अंड्याचि बुर्जि नि पाव.. काका, रुप एन आॅल आर वेलकम..
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सुदुपार लोक्स!!! मी आल्याशिवाय काय कोणी फ़िरकत नाहित का?
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Gurudasb
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| Thursday, February 23, 2006 - 6:47 am: |
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अग रुप , तु येऊन मेनू काय जाहीर करतेस याची अगोदर सर्वजण वाट बघतात व मगच येतात . सांग बघू , आज काय मेनू
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Gurudasb
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| Friday, February 24, 2006 - 4:46 am: |
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लालुंची भायंदरकरांसाठी मोफ़त पास योजना आज जाहीर होणार.
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काका कुछ फायदा नहि.. आजकल इधर खाना नही, दवाई मिलति है.. 
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गुरुकाका कट्टी आहे तुमच्याशी... योगी
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काकाऽ सोमवारी नक्की या.. खेकडे मिळणार आहेत.. specially from अलिबाग बिच..
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खेकडे नाहित रे शहाळी मिळतिल. तुला हवी आहेत का? मग घरी ये.
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Gurudasb
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| Tuesday, February 28, 2006 - 1:16 pm: |
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रूप , शहाळी लवकर संपव नायतर पाणी आंबूस होयत .
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सर्व भाईंदरवासीयांना होळि आणि रंगपंचमीच्या हार्दिक शुभेच्छा!!!! ही होळि तुम्हा सर्वांना सुख, संपती, ऐश्वर्य, आरोग्य, धनसंपदा देणारी, दु : ख, दारिद्र्य, क्लेश, पिडा आणि खलप्रवृतींचा नाश करणारी जाओ....
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सगळ्यांना नविन वर्षाच्या हार्दिक शुभेच्छा!!!!! हे नविन वर्ष तुम्हाला सुखाचे, सम्रुद्धिचे भरभराटिचे, आनंदाचे,धन संपदा, ऐश्वर्याचे जाओ. या काळात तुमचे क्लेष, पिडा, संकटांचे हरण होवो...
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सगळ्या मायबोलीकरांना साठाव्या स्वातंत्र्यदिनाच्या शुभेच्छा!!!
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सर्व मायबोलीकरांना मकरसंक्रांतिच्या शुभेच्छा!!! तिळगुळ घ्या गोड गोड बोला...
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हितगुज दिवाळी अंक २००७
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मायबोली |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज दिवाळी अंक २००६ |
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