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Santu
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| Friday, September 28, 2007 - 8:19 am: |
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कुणि पाचगणी च आहे का?
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Shravan
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| Friday, March 07, 2008 - 3:35 pm: |
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संतू, पाचगणीचे असले तरी तुझ्या भितीने येणार नाहीत असे दिसते आहे. हलकेच घे रे बाबा. तू पाचगणीचा असशील तर तुझ्यासारखा भाग्यवान तूच बाबा. नुसते दोन तीन दिवस घालवले तरी किती प्रसन्न वाटते तिथे. मस्तच. त्यातून पण डोंगर उतारावरची छोटी घरे (गावकर्यांची, बंगले नव्हेत) तर फारच खास. TCS च्या बंगल्यावर येत असतो मी वर्ष दोन वर्षांनी..आमचे गाव जुन्नर.. विभाग आहे बघ इथेच वर.
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मायबोली |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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