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Ss_sandip
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| Monday, December 11, 2006 - 11:22 am: |
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प्रिय मित्रांनो भडगावच कोणी आहे का इथे मी १९९५ पर्यन्त भडगावला रहात होतो आत मुम्बैत रहातो पण शाळेतले दिवस अजुनहि आठ्वतात, असो रिप्लाय करा
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Princess
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| Friday, December 15, 2006 - 12:01 pm: |
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अरे, मी आहे ना... कुठे राहतोस तु भडगावला? मी पण भडगावची, सासर मुंबईचे. गेली ४ वर्षे गोरेगावला होती. आता सध्या बंगलोरला. काय करतोस तू मुंबईला?
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संदीपभाऊ, प्रिन्सेसबाय, ईकडे भडगावमा फिरापेक्शा तिकडे अहिराणी मंडळवर याना! गिरणाकाठ सोडा नि तिकडे तापी, पांझरा, गिरणा, बोरी, अनेर काठवरला लोकेस्ले भेटायला या!
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Amol4572
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| Saturday, November 17, 2007 - 7:37 pm: |
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मी भी भडगाव ना शे रे भो. वरते सन्दिप ना मेसेज शे ना, तेना मोठा भाऊ. मले भडगाव नी लई याद यी राह्यन्ती. तुम्हना मेसेज वाचात. लई बर वाटी राह्यन. जसा मी भडगाव ले च यी जायेल शे. राम राम मन्डळी. रातना एक वाजी गया. मी आते झोपाले जायी राह्यनू. तुमी बी झोपा. शुभ रात्री. }
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Amol4572
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| Saturday, November 17, 2007 - 7:38 pm: |
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मी भी भडगाव न शे रे भो. वर सन्दिप न मेसेज शे ना, तेना मोठा भाऊ. मले भड्गाव नी लई याद यी राह्यन्ती. तुम्हना मेसेज वाचत. लई बर वाटी राह्यन. जसा मी भडगाव ले च यी जायेल शे. राम राम मन्डळी. रातना एक वजी गया. मी आते झोपाले जायी राह्यनू. तुमी बी झोपा. शुभ रात्री.
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हितगुज दिवाळी अंक २००७
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मायबोली |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज दिवाळी अंक २००६ |
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