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Yogananda
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| Wednesday, March 12, 2008 - 12:32 pm: |
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चिकाटी असेल तर सगळ काही मिळेल.........
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Veena2
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| Thursday, March 13, 2008 - 6:06 am: |
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व्वा, आवडलं आपल्याला. केवढा हा प्रयत्नवाद(की चिकाटीवाद)!
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Yogananda
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| Thursday, March 13, 2008 - 10:59 am: |
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मला वाटल नव्हत की, माझी 'चिकाटी' एवढी कामाला येईल. .... बाकी लोक काहीतरी विशेष टाकत चला इथे.........
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आतल्याने धरलेली हि 'चिकटी' आता सगळ्यानीच धरलीयं वाटतं!! 'चिकटी' आणि 'चिकटपणा' यातला फरक कोणीतरी सान्गू शकेल काय?
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Daryappa
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| Friday, March 14, 2008 - 9:21 am: |
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नमस्कार... हनुमान भक्तहो, कसे आहात तुम्ही??
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ये डिड्या कानड्या, 'तरणोपाय' म्हणजे काय सान्ग बरं?
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Daryappa
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| Monday, March 17, 2008 - 7:27 am: |
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तरुणीचे पाय am i right???
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Hi friends, Visit our own blog - http://achanak-group.blogspot.com/ I am working to give all of you the 'post' permissions.. Till then, you can post your comments.. Cheers! Abhijit.
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Yogananda
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| Wednesday, March 19, 2008 - 12:27 pm: |
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अरे काही विषय नाहीत काय काहीही चाललय...... जरा काही इन्टरेस्टिन्ग टाकत चला....
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Atul_more
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| Wednesday, March 19, 2008 - 2:23 pm: |
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योगा Interesting काय हवं आहे तुला? सांग मला मी टाकत जाईन.
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Atul_more
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| Wednesday, March 19, 2008 - 2:45 pm: |
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माझी चारोळी! निरर्थक वाटले आपले ते बोलणे "काय विशेष" म्हणून तु म्हणणे टाळले सोडवशील का आता हे साधे कोडे आजकाल इतके माझे तु का ऐकते! For those who can't read marathi font thr their browser Majhi Chaaroli Nirarthak watale aapale te bolane "Kaay vishesh" mhanun tu mhanane talale Sodavshil ka aata he saadhe code Aajkaal itake majhe tu ka aaikate!!
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Abhijitsr
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| Thursday, March 20, 2008 - 4:37 am: |
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ग्रेट आतल्या!! खुपच छान आहे चारोळी.. तु स्व:ता केलीयेस? ग्रेट!! अभिनंदन!!
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Yogananda
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| Thursday, March 20, 2008 - 1:02 pm: |
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चारोळी छानच अतुल.......... इन्टेरेस्टिन्ग म्हणजे असेच की जशी तुझी चारोळी.......
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Atul_more
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| Wednesday, March 26, 2008 - 6:19 am: |
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अभि दादा धन्यवाद... हो मीच केली ती ४ ओळी! अरे फ़ारच कमी आहेत इथे लोक. काही भेट देतात पण पोस्ट नाहीत टाकत. असोत... मै हुं ना!
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Atul_more
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| Wednesday, March 26, 2008 - 6:35 am: |
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तुझ्या एकाच हसण्याने आपल्यातलं सगळ अंतर पार केलय मधल्या सगळ्या भिंती पाडून तिथे मी नवीन दार केलंय! तुमच्या माहितीसाठी हि माझी नाही २ ओळी!
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Daryappa
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| Saturday, March 29, 2008 - 6:12 am: |
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अरे बाळ्या, आपल फ़िरन्गी अमेरिकेत आला आहे...तुला भेटला क रे??
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तुम्हा सर्वांना गुढीपाडव्याच्या (नुतन वर्षाच्या) हार्दिक शुभेच्छा!! -अतुल
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नाही, डीड्या अभ्या फ़िरंगीचा काहीही पत्ता नाही. तुला मेल आला तर माझा नं दे. ५१५-४७३-५५९०(मो.) कुठे आला आहे तेही माहीत नाही. त्या मूर्खाला संवाद साधायला सांग.
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हे सदर आता खालील जागी हलवले आहे /node/1703
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हितगुज दिवाळी अंक २००७
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मायबोली |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज दिवाळी अंक २००६ |
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