Ashwini
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| Thursday, November 02, 2006 - 11:05 am: |
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पूनम, छान लिहीलयस, short and sweet.
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पूनम, छान लिहीलंयस. क्लिक झालं लगेच.
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Asami
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| Thursday, November 02, 2006 - 3:37 pm: |
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मस्तच ... साधे सरळ लिहिलयस.
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Megha16
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| Thursday, November 02, 2006 - 5:51 pm: |
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पुनम तुझी कथा एकदम क्लिक करुन गेली मनाला.
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Psg
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| Friday, November 03, 2006 - 1:05 am: |
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तुम्च्या सगळ्यांचे मनापासून खूप खूप आभार.. अजून लिहायला प्रोत्साहन मिळाले
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Ruma
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| Tuesday, November 07, 2006 - 1:09 am: |
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पूनम छान लिहीली आहेस कथा.. click चा अर्थ असा स्पष्ट नाही करता येत काही वेळेला.. ते व्हावच लगतं
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Prajaktad
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| Tuesday, November 07, 2006 - 1:29 pm: |
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पुनम ! छोटिशी आणी छान..
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Meenu
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| Wednesday, November 08, 2006 - 12:21 am: |
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वा पुनम फारच सुंदर लिहीलं आहेस. आणी मला छान वाटला शेवट. अगदी कुणाच्याही घरात घडणारा छोटासा प्रसंग असा नीट शब्दात उतरवुन कथा स्वरुपात येणं तसं अवघड असतं. तुला अगदी छान जमलय. वैभव
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Jhuluuk
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| Wednesday, November 15, 2006 - 4:02 am: |
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वास्तविक जीवनामध्ये घडू शकणारी गोष्ट वाटली, खुप सुंदर लिहिले आहे
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Dnya
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| Wednesday, November 15, 2006 - 5:01 am: |
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सुरेख लिहिले आहे... हे असे क्लिक आपल्या नशीबात कधी होणार?
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Really nice, short and sweet story.
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Meggi
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| Thursday, November 16, 2006 - 6:44 am: |
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पूनम, एकदम cute कथा
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Kiru
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| Thursday, November 16, 2006 - 6:59 am: |
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मस्तच.. .. .. .. ..
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Daad
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| Thursday, November 16, 2006 - 9:53 pm: |
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पूनम, क्लिक पटलं एकदम. सगळ्यांच्याच जिव्हाळ्याचा विषय, छानच मांडलाय.
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Jayavi
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| Friday, November 17, 2006 - 6:43 am: |
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पूनम......फ़ारच गोड आहे गं तुझी गोष्ट! अगदी मनापासून पटलं तुझं. लोपा म्हणतेय ते पण खरंय अगदी.
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