|
Surabhi
| |
| Monday, October 30, 2006 - 3:14 am: |
| 
|
हो सुवासिनी, मी पण जयवीशी सहमत!! फारच अप्रतीम आहेत रांगोळ्या!! जयवी हे दगड तू कुठून जमवलेस? की hobby stores मधून विकत घेतलेत? सिक्रेट असेल तर सांग ना प्लीज!!! 
|
Arch
| |
| Monday, October 30, 2006 - 9:32 am: |
| 
|
सुहासिनी, फ़ारच सुंदर आहेत तुझ्या रांगोळ्या. मला रंगसंगती पहिल्या रांगोळीची खूपच आवडली.
|
Shyamli
| |
| Monday, October 30, 2006 - 9:40 am: |
| 
|
waa suhaaseenee kaay surekha aahet ga tujhyaa raaMgoLyaa saahich
|
Dineshvs
| |
| Monday, October 30, 2006 - 9:02 pm: |
| 
|
सुहासिनी, सुंदर रांगोळी. उत्तम रंगसंगति. श्यामली, आज एकदम मिंग्लीशमधे ?
|
Suhasini
| |
| Tuesday, October 31, 2006 - 12:09 am: |
| 
|
धन्यवाद!! जया खरी कलाकार तर तूच आहेस गं... आवाज गोड आणि रांगोळीत सुद्धा किती कल्पकता!!! दुसर्या रांगोळीत फ़ाइल साईझ कमी करण्याच्या प्रयत्नात थोडे डिटेल्स कमी आलेत..
|
Varsha11
| |
| Tuesday, October 31, 2006 - 2:09 am: |
| 
|
सुहासिनी तुमच्या रांगोळ्या खुप छान आहेत. दोन्हीची रंगसंगति मस्त आहे.
|
Hems
| |
| Tuesday, October 31, 2006 - 2:55 am: |
| 
|
निलू,जयवि,सुहासिनी...सगळ्यांच्या रांगोळ्या सुरेख ! कला आणि कल्पकता अशी रंगतदार झालेय म्हणता !
|
Bee
| |
| Friday, November 03, 2006 - 1:31 am: |
| 
|
कालनिर्णय मधील 'रांगोळी : जीवनाचा रंगोत्स्व' हा सुलभा तेरणीकर ह्यांचा लेख जरूर वाचावा. खूप वेगळ्या रांगोळ्यांचे दर्शन होईल आणि लेख पण खूप छान आहे.
|
Shyamli
| |
| Friday, November 03, 2006 - 1:35 am: |
| 
|
श्यामली, आज एकदम मिंग्लीशमधे ?>>> दिनेशदा, गडबडीत dev2 टाकायच विसरुन गेले ...
|
Neelu_n
| |
| Friday, November 03, 2006 - 7:12 am: |
| 
|
सुहासीनि सुंदर आल्यात रांगोळ्या. पहिली जास्त आवडली. रात्रीच्या पार्श्वभुमीवर फोटो पण मस्त आलाय.
|
Jo_s
| |
| Saturday, November 04, 2006 - 4:17 am: |
| 
|
Rangoli by my wife

|
निलू, मावळा, जयवी, जोएस... झक्कास! काऽऽऽश, मुझे भी ऐसा आता था!
|
|
|