Kiru
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| Tuesday, September 19, 2006 - 11:23 am: |
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ओह स्वाती..!! क्या बात है...!! निव्वळ अप्रतीम..
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Saurabh
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| Tuesday, September 19, 2006 - 12:30 pm: |
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बहोत खूब! अगदी चपखल!
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नमस्कार मी नागपुर ची शैलजा बेलोरकर. मला मायबोली बद्दल परदेशात येउन कळाले मला सभासद व्हायची इच्छा झाली. नागपुर खूप बदलले आहे. मी लवकरच तीकडे पोह्चल्यावर नागपुर चे फोटो पाठवेन. मी ग्रुहिणी आहे.मला फोटोग्राफ़ी आणि निर्सगात फिरण्यची आवड आहे.मी कवीता पण करते. नागपुर ला गेल्यावर पाठ्वेन. माझे प्रवास वर्णन पण पाठ्वेन. सौ शैलजा बेलोरकर.
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वाह !!!! स्वाती ... अप्रतिम
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Anilbhai
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| Friday, September 22, 2006 - 9:27 am: |
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सुंदर.. खुप आवडली.
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बहोत खुब स्वाती.. मस्त आहे कविता
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Mrinmayee
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| Saturday, September 23, 2006 - 9:08 am: |
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स्वाती, ईथली कवीता लाजवाब!!!!!!!! तुझ्या इतर कवीतांसारखीच..!!!
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Nakul
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| Saturday, September 23, 2006 - 3:43 pm: |
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वाह स्वाती !!! जियो !!! तुझ्या कवितेच्या प्रवासातला एक क्षण म्हणजे हे चित्र !! एकदा वाचून समाधान होत नाही - परत परत वाचली
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धन्यवाद, दोस्त्स. dhanyavaad dosts.
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