|
Paragkan
| |
| Tuesday, August 01, 2006 - 12:50 pm: |
| 
|
classic re pha !!
|
फ़ अप्रतीम, अतिशय सुरेख... खुपच आवडली दोन्ही चित्र.
|
Dineshvs
| |
| Tuesday, August 01, 2006 - 1:57 pm: |
| 
|
फ, खुपच सुंदर आहेत रे हि रेखाटने. त्या पुस्तकातली अनेक छायाचित्रे तुला प्रेरणा देतील अशी आहेत.
|
Rajkumar
| |
| Tuesday, August 01, 2006 - 11:47 pm: |
| 
|
फ.. सुंदर!!! दोन्ही चित्रे.. डोळ्यांमधले भाव.. आणि कपड्यांवरच्या चुन्या.. सही आल्यात.
|
Badbadi
| |
| Wednesday, August 02, 2006 - 12:11 am: |
| 
|
फ, अप्रतिम!!! बर्याच दिवसांनी बघायला मिळाली...
|
Abhi_
| |
| Wednesday, August 02, 2006 - 12:53 am: |
| 
|
फ, अप्रतीम..
|
फ, फारच छान. अप्रतिम आली आहेत दोन्ही चित्रे ! details फार छान आलेत आणि b&W मुळे वेगळीच मजा आली आहे.
|
Arch
| |
| Wednesday, August 02, 2006 - 1:07 am: |
| 
|
अरे वा! मस्तच हं फ़.
|
फ़,निव्वळ अप्रतिम.. बर्याच दिवसांनी वेळ मिळालेला दिसतोय..
|
Jo_s
| |
| Wednesday, August 02, 2006 - 2:05 am: |
| 
|
फ ही चीत्रच बोलताहेत. मी काय बोलू..... सुधीर
|
Jayavi
| |
| Wednesday, August 02, 2006 - 8:22 am: |
| 
|
फ़ फ़ार फ़ार सुरेख आहेत रे! काय भाव आलेत चेहेयावरचे.
|
Himscool
| |
| Wednesday, August 02, 2006 - 10:43 am: |
| 
|
फ तुला मी फक्त स्टेजवर चित्रे काढताना बघितले होते.. त्यात एवढ्या लांबून कधीच ती चित्रे नीट कळाली नाहीत.. पण ही आत्ता जी चित्रे बघितली ती अप्रतिम आहेत..
|
Kandapohe
| |
| Wednesday, August 02, 2006 - 11:04 pm: |
| 
|
फ, सुंदर रे! अप्रतीम. राहूलला अनुमोदक. मस्त ईफेक्ट आलाय. 
|
Oil paints.. 16*20 
|
Jayavi
| |
| Sunday, August 06, 2006 - 1:30 am: |
| 
|
रचना, सुरेख! ते उडणारे पक्शी मस्तच.
|
फ , फ़ारच उच्च ..hats off ! रचना , मस्तच .
|
Arch
| |
| Sunday, August 06, 2006 - 8:15 am: |
| 
|
रचना, प्रकाशाचे effects फ़ारच सुंदर.
|
Moodi
| |
| Sunday, August 06, 2006 - 10:13 am: |
| 
|
रचना काय प्रतीक्रिया देऊ? फ अजोड आहे रे, पण तुझ्या बीबीवर पण टाक ना हे चित्र. तिथे तर कायमचा ठसा राहील त्याचा. 
|
Dineshvs
| |
| Sunday, August 06, 2006 - 12:17 pm: |
| 
|
रचना, छानच आहे चित्र, पण मधे पांढरट पावडरचे थर का दिसताहेत. काचेचे रिफ़्लेक्शन आलेय का ? मुळ चित्रात तसे नसावे. हि सगळी चित्रे प्रत्यक्ष बघावीशी वाटताहेत.
|
फ आणि रचना दोघांची पण चित्रं झकासच एकदम!
|
|
|