one more pencil sketch in my bird series... }
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सुरेखच... गरूडाच्या डोळ्यातली धार अगदीच स्पष्ट!
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Junnu
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| Wednesday, June 28, 2006 - 2:39 pm: |
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रचना, सही ग एकदम.... मला वरच वाक्यच लिहायचय, पण ४ शब्द होत नाहीत, त्यामुळे उगीच हे सुद्धा लिहायल लागतय 
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जुन्नू .. .. ..
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४ पेक्षा कमी शब्द लिहायचे असतील तर dev2 च्या कंसाच्या बाहेर दोन डॉट्स चा एक शब्द असं लिही.
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Seema_
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| Wednesday, June 28, 2006 - 3:52 pm: |
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वा ! रचना . आवडल एकदम
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सुपर्ब रचना झकाऽऽस मस्त! मला आवडल! काऽऽश, मुझे भी ऐसा आता! (खोऽऽल सुस्कारा)
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Moodi
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| Thursday, June 29, 2006 - 4:58 am: |
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अप्रतीम काढलायस रचना. एकदम धारदार नजर वाटतेय त्याची. अतिशय रेखीव!
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Jayavi
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| Thursday, June 29, 2006 - 5:07 am: |
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रचना, अगं काय सॉलीड! एकदम धूर्त नजर वाटतेय शिकार्यासारखी तुझ्या पंख्यांच्या लिस्ट मधे मेरा नाम भी शामील कर लो यार
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Meenu
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| Thursday, June 29, 2006 - 7:29 am: |
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नखं ही तितकीच सुंदर sharp आहेत मस्त
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Nalini
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| Thursday, June 29, 2006 - 8:09 am: |
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एकदम सही!
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Mita
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| Thursday, June 29, 2006 - 1:22 pm: |
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wow!! काय ग्रेस आहे रचना मी पण तुझी फ़ॅन आहे बर का..
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Dineshvs
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| Thursday, June 29, 2006 - 1:32 pm: |
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रचना, आता पटकन भरारी घेऊन, वरचे ऊडते सावज पकडेल असे वाटतेय. या दिवसात एक नाचरा पक्षी दिसतो. चिमणी एवढाच पण काळा पांढरा असतो. ईवलासा पिसारा फुलवुन सारखा नाचत असतो. तो दिसला का कुठे ?
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Arch
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| Thursday, June 29, 2006 - 1:35 pm: |
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रचना, काय कला आहे तुझ्या हातात. तुझी एक site कर तयार. तुझा प्रत्येक stroke सही आहे. आधी तुझ नाव घाल बर चित्राखाली
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सही रचना, झकाऽऽस मस्त!
photoshop madhale ajun ek ........ (matte painting ) original post http://rupeshtalaskar.blogspot.com/ ithe aahe
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Chinnu
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| Thursday, June 29, 2006 - 3:50 pm: |
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रचना छाने ग. रुपेश, माझ्या डोळ्यांचे पारणे फिटले तुझे चित्र पाहुन. excellent!
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Ninavi
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| Thursday, June 29, 2006 - 10:12 pm: |
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रचना, अप्रतिम गं. ग्रेट आहेस तू! रुपेश, सुंदर आहे चित्र.
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Dineshvs
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| Thursday, June 29, 2006 - 10:13 pm: |
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रुपेश सुंदर, कुठेतरी हे दृष्य बघितल्यासारखे वाटतेय. खुप ओळखीचे वाटतेय.
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Arch
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| Thursday, June 29, 2006 - 10:37 pm: |
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रचना, मी परत परत तुझ चित्र बघते आहे. तो three piece suit मध्ये असल्यासारखा वाटतो आहे न? पांढर vest आणि dark jacket मध्ये असल्यासारखा? अगदी रुबाबात बसला आहे बघ तो गरुड. रुपेश, फ़ारच छान हं
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Psg
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| Friday, June 30, 2006 - 1:13 am: |
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रुपेश, shading करण्यात कोणी तुझा हात धरू शकणार नाही.. खूपच सुरेख आलय चित्र! रच, वॉव! मला त्याच्या चोचीचा बाक आवडला.. आणि डोळ्यात कसले 'राजेशाही' लूक्स आहेत!! सही आलय!
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