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Grace, ful agadii manaatale... !!!.. .. .. .. .. ..
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Meenu
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| Friday, June 09, 2006 - 10:27 am: |
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ग्रेस फोटो सुंदर पांढर्या फुलाचा
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Ninavi
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| Friday, June 09, 2006 - 11:01 am: |
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ग्रेस, काय सुंदर फोटो आहेत.
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Anilbhai
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| Friday, June 09, 2006 - 11:20 am: |
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हेच का ते पांढर फ़ुल. त्या सिरिअल मधल. वा छान 
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Meenu
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| Friday, June 09, 2006 - 11:23 am: |
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हेच का ते पांढर फ़ुल. त्या सिरिअल मधल. वा छान >>>>> बरय नुसतं बघुन आपण बेशुध्द पडलो नाही ते .... 
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Grace
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| Saturday, June 10, 2006 - 1:38 am: |
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धन्यवाद, लोपा, मिनु, निनावी, पुरु.. पुरु, मी काही फोटोग्राफीचा कोर्स वगैरे केलेला नाही आणि camera देखिल साधाच आहे. मिनु, माझ्या फुलाचा आणि सिरियलचा काय संबंध?
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Grace
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| Saturday, June 10, 2006 - 1:42 am: |
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या मातितला एक पिवळाधमक जास्वंद, आपल्या (स्विस निवासी) जास्वंदासाठी
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Grace
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| Saturday, June 10, 2006 - 1:50 am: |
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आतापर्यंत फक्त गोमुखातुन पाणी पडतांना तुम्ही पाहिले असेल, पण हे सिंहमुख बघा ज्यातुन पाणी पडते. (पुर्वी पडत असणार)

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Moodi
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| Saturday, June 10, 2006 - 4:21 am: |
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फक्त जास्वंदासाठी? आम्हाला नाही?!! मोहक दिसतय हे जास्वंदाचे फूल, सिंहमुख कुठले? पांढरे तर फार सुंदर आहे 
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Grace
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| Saturday, June 10, 2006 - 9:36 am: |
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एक रापलेला पण खुप काही बोलणारा चेहरा....

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Maanus
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| Saturday, June 10, 2006 - 12:49 pm: |
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wow! मस्त portrait आहे... विक्रम गोखले आहे का?
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as usual... Gracefull मस्त.. माझा छोटा प्रयत्न... पण मला फोटोग्राफ़ी पेक्षा इथले सौदर्य सगळ्यांपर्यन्त पोचवावे असे वाटते म्हणुन माझी.. जसे असतील तसे फोटो टाकते.. ग्रेस... !!!
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सध्या गुलाबाचे पिक आलय.. कानाकोपरा गुलाबमय झालाय...
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स्वप्न रंगांचे...!!!.. .. .. .. .. .. .. .
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paakalii paakalii ne umalane...!!!
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तितर के दो आगे तितर, तितर के दो पिछे तितर.. आगे तीतर पिछे तितर बोलो कितने तितर...!!!
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तितर के दो आगे तितर, तितर के दो पिछे तितर.. आगे तीतर पिछे तितर बोलो कितने तितर...!!! काय की बुवा... येत नाही... तूच सांग... अरेच्चा फोटोतच आहे की उत्तर... ;) लोपा फोटो मस्तच...
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डुबी जब दिलकी नैय्या.. सामने थे किनारे...
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Grace
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| Monday, June 12, 2006 - 8:23 am: |
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लोपा खुप छान फोटो, आणि त्याहुनही छान त्याचे शिर्षक, मला त्याचा हेवा वाटतो, डुबी जब दिल कि नैया तर उच्चच....
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