पालवीचे झाले पान खट्याळ वार्यावर डोलले पहिल्या पावसाने शहारलेले झाड वयात आलेले
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Gandhar
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| Thursday, April 13, 2006 - 5:23 am: |
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वाजती सनई चौघडे मंगल क्षण मंतरलेले घालते प्राजक्ताचे सडे झाड वयात आलेले...
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ओल्या मातीचा गंध फुला पानासवे दरवळे थेंबा थेंबानी झाले चिंब झाड वयात आलेले सानिका
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Shyamli
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| Thursday, April 13, 2006 - 5:33 am: |
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हाय लोक्स... सही चाललय चालु द्या 
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Shyamli
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| Thursday, April 13, 2006 - 5:39 am: |
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वारा ख़ट्याळ खट्याळ गाइ मादक लकेर डोळे नाठाळ झालेले झाड वयात आलेले श्यामली!!!
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कुहु गुंजती कोकिळ धुंद वा - यासवे झुलले पानाचीही सळसळ झाड वयात आलेले सानिका
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बेधुंद झाले मन लागे जीवा ओढ प्रेमपुष्प हे फुलले झाड वयात आलेले अमोल
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Dilippwr
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| Thursday, April 13, 2006 - 6:54 am: |
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झाडाची ही असते आपली भाषा भरभरुन बोलतात हिरव्या दिशा आकंठ बुडते आभाळ निळ्या पाण्यात काठावरली झाड तल्लिन हिरव्या गाण्यात
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Menikhil
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| Thursday, April 13, 2006 - 8:56 am: |
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केशरी किरण असे पसरलेले जणु रान्गोळीत रन्ग भरलेले पानापानावर मोती विखुरलेले वाटे...झाड वयात आलेले....
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Menikhil
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| Thursday, April 13, 2006 - 9:17 am: |
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सोनसकाळी पारव्याने अमृत प्यालेले गिरक्या मारुन मन धुन्द झालेले छोट्या पन्खात नवचैतन्य आलेले ...झाड वयात आलेले....
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Jayavi
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| Thursday, April 13, 2006 - 9:45 am: |
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ए मस्तच सुरु आहे हं माझी त्या वयात आलेल्या झाडाला अजून एक सलामी जाग हळू पानी आली सारे जग धुंद झाले यौवनाचा भार सहे झाड वयात आलेले
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Gandhar
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| Thursday, April 13, 2006 - 10:11 am: |
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फांदी फांदीवर उमटती आर्त धुक्याची धुळाक्षरे करी साजरे रंगसोहळे झाड वयात आलेले...
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Shyamli
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| Thursday, April 13, 2006 - 10:14 am: |
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हाय जया,गंधार या झाडानी चांगलच वेडं कलय.... आर्त नको रे धुके असु दे धुंद धुंद रंगाया हे सोहळे झाड वयात आले रे श्यामली!!!
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Jayavi
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| Thursday, April 13, 2006 - 10:27 am: |
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रंगसोहळा झाडाचा अनिमिष नेत्र झाले दृष्ट लावु नका कुणी झाड वयात आलेले
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Gandhar
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| Thursday, April 13, 2006 - 10:32 am: |
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वा! जया, श्यामली मस्तच
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Shyamli
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| Thursday, April 13, 2006 - 10:36 am: |
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अंगो अंगी बहरले कुठे कसे लपवावे कसे बाई सांभाळावे झाड वयात आलेले! श्यामली!!!
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Jayavi
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| Thursday, April 13, 2006 - 10:43 am: |
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कशा परी लपविते सोनसळी हा बहर नेत्री साठवते तुझे झाड वयात आलेले
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Gandhar
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| Thursday, April 13, 2006 - 10:44 am: |
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पान पान बावरले वेध ग्रीष्माचे लागले सोसवेल का दाह तयाचा? झाड वयात आलेले...
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Shyamli
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| Thursday, April 13, 2006 - 10:49 am: |
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नको बाई ग्रीष्म आणि नको त्याचा दाह असु दे रे असेच हे झाड वयात आलेले श्यामली!!!
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Jayavi
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| Thursday, April 13, 2006 - 10:51 am: |
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नको भिती या ग्रीष्माची नको बावरु असा तू ऊन जपेल जपेल झाड वयात आलेले
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