Puru
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| Monday, April 10, 2006 - 2:21 am: |
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उठ म्हणालीस, उठलो बस म्हणालीस, बसलो --- --- --- --- -- अरेच्या, गेली वाटतं
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Puru
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| Monday, April 10, 2006 - 2:32 am: |
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लग्नाआधी तुझे शराबी डोळे कसे मदभरे 'कूल' होते लग्नानंतर उमगले, ते डोळ्यातील फूल होते
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Soultrip
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| Monday, April 10, 2006 - 2:51 am: |
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विदर्भातला शेतकरी कर्जापोटी आत्महत्या करी, शेती-तज्ञ बारामतीकर म्हणे आरोग्याला वाईन बरी!
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माझ्या मातीचा राजा नाही त्याच्या कष्टाचा गाजावाजा... पोट चिकटले पाठीला.. नाही निसर्ग साथीला.... तुच सांग देवाजी, सोनं पिकवणारा लेक तुझा सार्या दुनियेत अनमोल.. का ठरला मातीमोल...!!!!
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असं कधी होइल का.. मुळ हलल्यावर झाड उभे राहिल का! गेल्यावर लेकराचा बळी.. आईचा वर लाभेल का!!!
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Shyamli
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| Monday, April 10, 2006 - 3:38 am: |
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बाप रे वैशाली काय ग किती छान लिहितियेस येउदे अजुन
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thank you shyamali!!!.. .. .. .. ..
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Sushya
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| Monday, April 10, 2006 - 4:28 am: |
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प्रेम म्हणजे नक्की कसे असते ते तर 'उसा'सारखे गोड असते 'उ' उन्हाचा आपण घ्यायचा असतो 'सा' सावलीचा तिला द्यायचा असतो
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Soultrip
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| Monday, April 10, 2006 - 4:37 am: |
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सही लोपामुद्रा! You have vividly caught up the sad plight of our farmers.
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वैशाली टू गुड.. कवितांमध्ये हलव दोन्ही..
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thanks.. devdatta! baghate !.. .. . .. ..
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लोपा ... बळीराजा मस्त आहे .. तिकडे टाक .. कविता बीबी वर
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Puru
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| Monday, April 10, 2006 - 6:28 am: |
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सुखाचा शोध घेता? सुख नांदते भुतकाळात. मागचा दिन बरा होता असं उगाच नाही वाटत!
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Soultrip
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| Monday, April 10, 2006 - 7:01 am: |
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आनिबानि, पानि मधे माझी मायबोली घुसमटते विद्रोही सम्मेलनातील शिवराळ ओव्या माझी षंढ जात निपचित झेलते न अल्पसंख्यांक, न शहाण्णव कुळी साडे-तीन टक्क्याना जागाच नाही मुळी.
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Dilippwr
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| Monday, April 10, 2006 - 7:28 am: |
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अरे वाइन तब्बेतीला खरेच चांगली. रम काय उन्हाळ्यात पचणार नाही
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Soultrip
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| Monday, April 10, 2006 - 7:32 am: |
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इस गम को अभी रम में ही डुबाना होगा दोस्त!
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aaNi baaNi, alpasa.nkhyaa.nk...आत्मा असे लिही. .. .. .. .. .
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Soultrip
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| Monday, April 10, 2006 - 7:51 am: |
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Thanks Lopamudraa. But 'aani', 'paani' is deliberately written that way, symbolising the on-slaught of impure Marathi all around us. पुण्यातील बर्याच दुकानांच्या पाट्या, रोड साइन्स, होर्डिंग्ज अशुद्ध मराठी मधे असतात.
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Dilippwr
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| Monday, April 10, 2006 - 8:49 am: |
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हे मातुर सम्बर टक्के खर
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soultrip ok. दिलिप तुझे wine बद्दलचे मत त्या health च्या bb वर टाक बर...!!!
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Shyamli
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| Monday, April 10, 2006 - 8:59 am: |
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आता ईथे मॉड येणार.... नो TP guys झुळुका येउदेत फक्त कृपया आपल्या आपल्या पोस्ट्स डिलिट करा झुळुक नस्लेल्या विनन्ति आहे हं हि 
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Dilippwr
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| Monday, April 10, 2006 - 9:47 am: |
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काय मर्दा नाराज़ ज़हाला व्हय वाइच गम्मत केली
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Soultrip
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| Monday, April 10, 2006 - 9:51 am: |
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नाय रे दिलिप-भौ! आनि आवो शामलीतै, नुस्त्या नॉन्-ष्टॉप झुळूका सोडायला हे काय मशिन हाये का पंख्यासारकं? आदुन्-मदुन जरा येगळं बोलनारच की हे त्वांड
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Puru
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| Monday, April 10, 2006 - 10:01 am: |
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'वपु' म्हणुन गेले, सुंदर पोरगी म्हणजे झुळूक त्या बापड्यास काय माहीत कसलं लागतं खुळुक Chalo, BFN P.S. - In Ahiraani language, khuluk means khul! (Just kiddin'
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