कणसाचा फोटो छान आहे. पर्वतावरुनचा फोटो अतिशय सुन्दर आहे असेच फोटो पाठवत रहा
|
Moodi
| |
| Tuesday, February 14, 2006 - 6:48 am: |
| 
|
अंकुश जियो! अप्रतीम फोटो, अरे स्वर्गात पोचवले की. ए स्वर्गाचा अर्थ इथे सुंदर अन दुर्मीळ असा घे. खरा स्वर्ग नाही. तू सध्या इराणमध्ये आहेस की पूर्वी होतास? नजर ठरत नाही फोटोवर. 
|
आई शप्पथ, आयुश अरे हा फ़ोटो का काय आहे, Simply Great!!!!!!!!!
|
हा फोटो घेतांना त्या मुलिच्या मनातले जाणून घ्यायचे होते,पण नाहि जाणू शकलो........ बघा तुम्हास अन्दाज. येतो का....
|
सौमित्र,मूडि आणि mukman धन्यवाद.... मि सध्या ईराणलाच आहे.काय मस्त देश आहे रे हा. वाट्त बुश ल म्हनाव लेका एक्दा इथे येऊन पहा जरूर पोस्ट करत राहिन.
|
Meenu
| |
| Tuesday, February 14, 2006 - 7:31 am: |
| 
|
अंकुश कणसाचा आणि पर्वतावरून काढलेला फोटो खुपच सुंदर आहे.... ईराण इतका सुंदर देश आहे तर त्याच्याबद्दल लिही ना काही तरी ललित मधे म्हणजे आम्हालाही कळेल.... फोटो टाकत रहा....
|
Himscool
| |
| Tuesday, February 14, 2006 - 7:36 am: |
| 
|

|
himscool छान फोटो.मीनु नक्कि लिहेन इराण बद्दल.
|
Zaad
| |
| Tuesday, February 14, 2006 - 8:59 am: |
| 
|
आवडतो मज अफाट सागर...
|
Jaaaswand
| |
| Thursday, February 16, 2006 - 5:06 am: |
| 
|
अजून एक रे मित्रांनो.. 
|
ज़ास्वंद मस्त रे खरच छान
|
One Black Night !
|
Shyamli
| |
| Wednesday, February 22, 2006 - 3:48 am: |
| 
|
.. .. wow!!.. .. .. ..
|
Bee
| |
| Wednesday, February 22, 2006 - 3:58 am: |
| 
|
अरे ती black night नाही वाटत.. पौर्णिमेचा चंद्र आहे ना तो झाडामागे? छान आहेत सगळेच फोटो..
|
Abedekar
| |
| Wednesday, February 22, 2006 - 3:51 pm: |
| 
|
nice shot Pune_soumitra - although i feel you should have cropped off the lower half of the picture ..
|
व्वा काय फोटो काढ्लायस,खुप सुन्दर,अप्रतिम,अद्भूत...........
|
Megha16
| |
| Thursday, February 23, 2006 - 3:08 pm: |
| 
|
अंकुश, जास्वंद, आल्हाद, झाद, चरिता खुप छान फोटो आहेत
|
कुठे बुडाला पलिकडे तो सोन्याचा गोळा
|
Meenu
| |
| Friday, February 24, 2006 - 1:24 am: |
| 
|
सौमित्र सही काय सुंदर लाल केशरी रंग आहे..!!
|
Mawla
| |
| Friday, February 24, 2006 - 1:33 am: |
| 
|

|
Moodi
| |
| Friday, February 24, 2006 - 3:34 am: |
| 
|
तेजोनिधी लोहगोल, भास्कर हे गगनराज, दिव्य तुझ्या तेजाने झगमगले भुवन आज! अप्रतिम रे सौमित्र! सूर्य जणु डोळ्यावर येतोय, स्वतच परत अनुभवुन बघ या फोटोतुन. 
|
Shyamli
| |
| Friday, February 24, 2006 - 3:36 am: |
| 
|
वा वा कीती छटा आल्यात केशरी रन्गाच्या मस्त
|
Himscool
| |
| Friday, February 24, 2006 - 4:44 am: |
| 
|
ए मावळा हा कोणता किडा आहे?
|
Ami79
| |
| Friday, February 24, 2006 - 4:54 am: |
| 
|
आवडतो मज अफाट सागर, ही कविता मला पुर्ण कोणी सांगेल क?
|
Mawla
| |
| Friday, February 24, 2006 - 6:54 am: |
| 
|
sorry forgot to mention Apalya saglyanchya parichayachi "MUNGI "
|