Beti
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| Tuesday, August 10, 2004 - 1:20 am: |
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धन्यवाद योग! शाळेत (चौथीची स्कॉलरशिप ) जोडशब्द शिकवले जात हे खरे. पण प्रकारवारी किन्वा कारणे शिकवल्याचे मला नाही स्मरत. त्यांची मी मनानेच अशी वर्गवारी केली आहे : नादगामी : जसे कि धान्य - धुन्य, जात - पात, कापड - चोपड, काम - धाम. ज्यात पहिल्या मुख्य शब्दाच्या उच्चाराशी tune साधून typically बोलीभाषेच्या नादमय स्वभावानुसार एक फ़ारसा अर्थवाही नसलेला किंवा पहिल्या शब्दाशी अप्रस्तुत जोडशब्द येतो. काळा शार, पिवळा धमक, हिरवा कंच हे मला यातलेच शब्द वटतात. हे काहीसे हल्ली आपण कपडा बिपडा म्हणतो तसे आहे. अर्थगामी : जसे कि तीळ - तांदूळ, जात - पात, मान - पान, दळण - कांडण, चहा - पाणी, बिर्हाड - बाजले या प्रकारचा जोडशब्द प्रत्यक्ष व्यवहारात मुख्य शब्दाशी स.लग्न असतो. यात बारीकस पोटप्रकार म्हणजे अनुभवगामी. म्हणजे जसे तिखट जाळ, हिरवा गार, लाल भडक. या प्रकारात कपडा लत्ता कुठे बसतो हे कळत नव्हते मला. १८५७ च्या स्वातंत्र्य युद्धाचा संदर्भ कळेपर्यंत चिठ्ठी चपाटी मला नादगामी वाटत होता. पण तो अर्थगामी आहे हे आता कळले. असे काही कपडा लत्ताचे नाही ना हा प्रश्न गोदान पाहिल्यावर पडला. त्यात नायक बाहेर जाताना बायकोला म्हणतो " दीजो जी हमारा कपडा और लठ्ठा " मग ती त्याला एक बरासा सदरा आणि काठी देते. म्हणून असे वाटले कि याचा कपडा लत्ताशी काही संबंध आहे का ? पण तू तर लत्ता चा अर्थ मालमत्तेशी संबंधित आहे म्हणतोस. म्हणजे ह्या माझ्याच तुंबड्या दिसतात.
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Bee
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| Tuesday, August 10, 2004 - 8:49 am: |
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जुईच्या वेलीला हिंदीत काय म्हणतात कुणाला माहिती आहे का? 'निंबोणीचे झाड करवंदी' ह्यामधे 'करवंदीचा' चा अर्थ / संबंध करवंदाच्या झाडाशी आहे का? असेल तर का?
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Shilpa__s
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| Tuesday, August 10, 2004 - 8:56 am: |
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Jui (Marathi) = Juhi (Hindi). Velila mala waTte 'daal' mhanatat.
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Bee
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| Tuesday, August 10, 2004 - 9:13 am: |
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शिल्पा, वेलीला हिंदीत बेल म्हणतात. उदा. बेलबुट्टी. 'डाल' म्हणजे डहाळी किंवा फ़ांदी.
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Deepblue
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| Tuesday, August 10, 2004 - 11:27 am: |
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बेटी, गोदानचे दोन्ही भाग पाहीले? अतिसुंदर. पंकज कपुर आणि सुरेखी सिक्री यांचे काम तर अप्रतिम वठले आहे त्यात. त्याची बातमी http://www.exchange4media.com/e4m/news/newfullstory.asp?section_id=6&news_id=12949&tag=7684&pict=8 पण अजुनही भरतात असे पिचलेले शेतकरी आहेत याचे भान येउन मन विषण्ण होते http://maharashtratimes.indiatimes.com/articleshow/806222.cms आणि Times सारख्या वृत्तपत्रालाही Page 3 चे जास्त लाड असतात. खरेतर अशा शेतकर्यांची व्यथा आणि काहाणी दर दिवशी एक एक करुन दिली पाहिजे पहिल्या पानावर..
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Beti
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| Tuesday, August 10, 2004 - 12:48 pm: |
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हो खरे आहे. म्हणूनच आजही प्रेमचंदांची पात्रे मनाला भिडतात. तरी विपुल लिखाणापोटी ते त्यांच्या जिवंतपणी मुन्शी म्हणून हिणवले गेले (इति कमलेश्वर).. दैवदुर्विलास! दुसरे काय? असो. इथे ही चर्चा नको. मॉड साहेब BB ला अप्रस्तुत टिप्पणीबद्दल माफ़ करा. आणि जरूर तर हे पोस्ट उडवून टाका.
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Swasti
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| Tuesday, August 10, 2004 - 2:06 pm: |
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"Maatiche paay asaleli maanase " hya phrasecha nakki arth kaay ?
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Vinya
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| Tuesday, August 10, 2004 - 2:34 pm: |
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माणूस कितीही मोठा असला, तरी कधी त्याचे सामान्य रूप कुठेतरी प्रकट होतेच. मोठेपणाचे अस्तर उघडे पडते. या अर्थी वरील शब्दप्रयोग असावा.
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Bee
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| Wednesday, August 11, 2004 - 12:29 am: |
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बेटी, लठ्ठा म्हणजे लाठी. लाठी म्हणजे काठी. म्हणून कपडा 'और' लठ्ठा असे म्हंटले असेल. भोजपुरी हिंदीत काठीला लठ्ठा म्हणतात. माझ्यामते कपडा - लत्ता म्हणताना मधे 'और' 'आणि' हे शब्द वापरायची गरज नाही. निदान मराठीत तरी कुणी वापरल्याचे आठवत नाही. चु. भु. दे. घे.
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Shriramb
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| Friday, August 27, 2004 - 8:19 am: |
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'मंथर' म्हणजे काय? मधुरात्र मंथर देखणी आली तशी गेली सुनी हा प्रहर अंतिम राहिला त्या अर्थ तू देशील का?
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Sandyg15
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| Friday, August 27, 2004 - 3:02 pm: |
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' अंतर्मुख ' ह्या शब्दाचा अर्थ काय?
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Deepblue
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| Friday, August 27, 2004 - 3:15 pm: |
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मंथर शब्द ईथे शांत, धीमी ह्या अर्थाने आला असावा.. अंतर्मुख (अंतर + मुख) म्हणजे खुप कमी बोलणे.. आपले विचार मनातल्या मनात ठेवणे.. किंवा मनातल्या मनात विचार करणे.. चूभूदेघे...
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Badbadi
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| Saturday, August 28, 2004 - 8:32 am: |
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संदीप, अंतर्मुख म्हणजे अंतर मनाचा आवाज ऐकणे. आपण अनेकदा पुर्वग्रहाने किंवा biased द्^ऋष्टीने विचार करत असतो. कधी कधी मनाला न पटुनही दुसर्याचा विचार करुन काही करतो. पण हे सगळं करताना मनाल प्रत्येक गोष्ट पटलेली असते अस नाही. तेंव्हा अंतर्मुख होउन विचार करणे म्हणजे मनाचे ऐकणे. नक्की चुक काय आणि बरोबर काय हे मनाशी तपासुन पाहणे.कधी कधी याचा अर्थ नि : पक्ष विचार असाही होतो.
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Jo_s
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| Saturday, August 28, 2004 - 9:32 am: |
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"VILOL" ya shabdacha artha kunI sangel ka? baryaach gaanyaat to aasato
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Beti
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| Sunday, August 29, 2004 - 6:06 pm: |
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विलोल म्हणजे चंचल, मुक्त ज्या नामाचे विशेषण असेल तशी अर्थछटा बदलते. श्रीराम, मंथर म्हणजे मंद अर्थात यात मदाने (विशेषतः यौवनाच्या) मंद. त्यामुळेच तर कैकेयीच्या पायाने अधू दासीचे नाव कुचेष्टेने मंथरा पडले होते.
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Shriramb
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| Monday, August 30, 2004 - 6:49 am: |
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thanks beti ... ...
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Vasu
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| Thursday, September 09, 2004 - 1:25 pm: |
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नाष्ता या शब्दाcआ उगम कसा झाला कुणि सांगु शकेल काय... तसेc नाष्ता, नाष्टा, नास्ता यांपैकी निर्दोष शब्द कुठला...
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Deepblue
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| Friday, September 10, 2004 - 9:06 am: |
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मला वाटते सकाळच्या खाण्यासाठी न्याहरी हा योग्य शब्द आहे... वरिल शब्दासाठी नाश्ता हा योग्य होईल का?
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Sunilt
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| Friday, September 10, 2004 - 9:31 am: |
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naaXta ha Xabd snacks mhNaUna vaaprtat. maga tI sakaLcaI nyaahrI AsaÜ kI sanQyaakaLcao KaNao.
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Bee
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| Monday, September 13, 2004 - 12:29 am: |
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vasauÊ malaa vaaTtM marazIt naaYTa mhNatat AaiNa ihMdIt naasta. Xabdacaa ]gama ksaa Jaalaa ho malaahI
maaihtI kÉna Gyaayalaa AavaDola.
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Bee
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| Tuesday, December 14, 2004 - 8:27 am: |
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तीर्थरूप आणि तीर्थस्वरूप ह्या दोन शब्दांचा अर्थ कुणाला माहिती आहे का? कितीतरी वेळा पत्र लिहिले आहे पण ह्या शब्दांचा अर्थ काय असेल ह्याचा विचार मनात कधी आलाच नाही. पण एक अंदाज आहे - तीर्थासारखे पवित्र ज्याला आपण मानतो ती व्यक्ती. पण एक रूप आणि दुसरे स्वरूप.. काही कळत नाही. गुरुजींनी नाही शिकविले.
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Somesh
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| Tuesday, December 14, 2004 - 10:08 am: |
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Bee, pahila mhanaje khara aani dusara mhanaje tyachyaa saarakha disanaara kinwa tatsam (swaroop). mhanaje, vadilana aapan 'tirtharoop' mhanato aani kaka, maamaana aapan 'tirthaswaroop' mhanajech jyancha aapan vadilan pramanech aadar rakhato.
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Bee
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| Tuesday, December 14, 2004 - 2:33 pm: |
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saÜmaoXaÊ tIqa-$pcaa Aqa- kLlaa tr tIqa-sva$pcaa lagaoca kLola. tulaahI maaihtI naahI kaÆ
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Sunilt
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| Wednesday, December 15, 2004 - 4:10 am: |
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baIÊ p~acaa maayanaa ilaihtanaaÊ AavaiDlaanaa tIqa-$p tr [tr vaiDlaQaarI maMDLInaa tIqa-sva$p Asao ilaihtat.
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Bee
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| Wednesday, December 15, 2004 - 5:34 am: |
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kaya ro saunaIlaÊ tulaahI maaJaa sarL saaQaa p`Xna naahI kLlaa mhNajao kmaala JaalaI. hrkt naahIÊ prt
ekda saaMgatÜ tIqa-$p (a Xabdacaa Aqa- kayaÆ
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Pha
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| Wednesday, December 15, 2004 - 7:46 am: |
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baIÊ tIqa-$pcaa Aqa- tumhI mhNaalaat tsaaca Aaho. %yaatlyaa " tIqa- " yaa Baagaacaa Aqa- " tIqa-sqaanaap`maaNao piva~ " AXaa AqaI- Aaho. " $p " ha Xabd " maUit-maMt / saaxaat " yaa Aqaa-nao vaaprlaa Aaho. " tIqa-sva$p " maQalyaa " sva$p " caa Aqa- " %yaa samaana / %yaa p`karcao " Asaa Aaho. saÜmaoXa AaiNa saunaIla yaaMnaI saaMigatlaolaa yaa XabdaMcaa ]pyaÜga barÜbar Aaho.
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Bee
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| Wednesday, December 15, 2004 - 7:51 am: |
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धन्यवाद फ. छान समजावून सांगतोस. सोमेश, सुनील तुमचेही धन्यवाद.
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Bee
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| Thursday, December 23, 2004 - 2:22 am: |
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सन्मुख, विन्मुख, अंतर्मुख असे तीन सारख्या पट्टीतले शब्द आहेत. ह्यापैकी अंतर्मुख होणे कसे असते हे मी कित्येकदा अनुभवले आहे पण तरीही मला त्याचा शाब्दीक अर्थ सांगता येत नाही. सन्मुख होणे म्हणजे स्वतला सामोरे जाणे, विन्मुख होणे म्हणजे स्वतकडे पाठ फ़िरवणे. सन्मुख होण्याचा अनुभव मी कधी घेतला नाही पण माझी तीव्र इच्छा आहे एकदा तरी सन्मुख होऊन पहावे. तुमच्यापैकी कुणी तुमचे सन्मुख होण्याचे अनुभव आणि अंतर्मुख ह्या शब्दाचा अर्थ सांगाल का? उत्तराबद्दल धन्यवाद! बर्याचदा टिव्हीवर प्रसंग असतात नायिका स्वतपुढे उभी दाखवितात आणि ती स्वतशीच बोलत बसते. मला तो भाग बराच पक्कावू वाटतो. त्यालाच संमुख होणे म्हणतात का? म्हणजे स्वतशी जेंव्हा आपण संवाद साधतो, आपण आपली आत्मपरिक्षा करतो, स्वतला तपासून - ताडून पाहतो -- हे सगळे काही सन्मुख होण्याचे अनुभव मानावेत का?
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Maitreyee
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| Thursday, December 23, 2004 - 5:34 am: |
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सन्मुख आणि विन्मुख चा माझ्या माहिती प्रमाणे सामोरे आणि पाठमोरे एवढाच अर्थ आहे! 'स्वत' शी कुठे संबंध आला?काही कळले नाही..
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Pha
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| Thursday, December 23, 2004 - 5:44 am: |
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maO~oyaIÊ tU mhNatosa %yaap`maaNao sanmauK AaiNa ivanmauK yaaMcaa Aqa- " ³kXaacyaatrI´ samaÜr " AaiNa " ³kXaacyaatrI´ pazmaÜro " Asaaca Aqa- Aaho. baIÊ tumhalaa AiBap`ot Asalaolyaa Aqaa-saazI " svasanmauK " Asaa Xabd Aaho. ³ivanmauK Xabdava$na tsaaca svaivanmauK Asaa Xabd vaaprlaa jaatÜ ka ho maaiht naahI. maI
trI eoklaa naahI.´
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Bee
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| Thursday, December 23, 2004 - 5:56 am: |
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मैत्रेयी, फ दुरुस्तीबद्दल धन्यवाद. स्वतशी सन्मुख होणे, विन्मुख होणे ह्याबद्दल मला विचारायचे आहे. फ अंतर्मुख विसरलास वाटतं?
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Jo_s
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| Saturday, December 25, 2004 - 8:01 am: |
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Priya
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| Tuesday, December 28, 2004 - 6:49 pm: |
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inasauga caa Aqa- Xabdr%naakrap`maaNao AaLXaIÊ inalla-jaÊ kÜDgaa.
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Jo_s
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| Wednesday, December 29, 2004 - 10:25 am: |
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priya, thanks marathi to english aani marathi to marathi Dictionary net var aslyaas link milu shakel ka?
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Arch
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| Saturday, January 15, 2005 - 7:37 pm: |
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फ़ुलांच्या गुच्छाला मराठीत, हिंदीत (गुलदस्ता नको), किंवा स,न्स्कृतमध्ये शब्द सुचवा. कृष्णकमळाच्या पाकळ्यांना काय म्हणतात?
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