Yog
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| Wednesday, December 07, 2005 - 8:42 pm: |
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quote " I feel this gratitude is an appendix of salvation "..... महान आहे रे बाबा!
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Pujarins
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| Tuesday, December 20, 2005 - 4:38 pm: |
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yaa AazvaD\yaatlaa laoK (18th December) http://saamana.com/2005/dec/18/Link/Utsav_6.htm
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कुणाला ती गेली तेव्हा रिमझिम, पाऊस निनादत होता' ही कविता पूर्ण येते का? असे ऐकले की मूळ गाण्यात पाच कडवी आहेत. मला गाण्यामधील तीन कडवी येतात. १. 'ती गेली तेव्हा रिमझिम, पाऊस निनादत होता' २. 'ती आई होती म्हणुनी, घनव्याकूळ मी ही रडलो' ३. 'अंगणात गमले मजला, सपले बालपण माझे'
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Mitwa
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| Wednesday, December 28, 2005 - 6:52 pm: |
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४थे कडवे असे आहे: हे रक्त वाढतांनाही मज आता गहिवर नाही. वस्त्रात द्रौपदीच्या, श्रीकृष्ण नागडा होता. अजुनही काही ओळी आहेत. वाचुन पोस्ट करतो. मितवा.
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Sarang23
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| Friday, December 30, 2005 - 11:30 am: |
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हे दुसर कडव... तशी सांजही अमुच्या दारी येवुन थबकली होती शब्दातुन अर्थ उगवावा आर्थातुन शब्द वगळता आणि मितवा ने सांगीतलेल ५व कडव आहे.
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Pujarins
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| Sunday, January 01, 2006 - 6:52 pm: |
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yaa AazvaD\yaatIla laoK (1st jan 2006) http://saamana.com/2005/Jan/01/Link/Utsav_8.htm
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मितवा, पहिली ओळ हे रक्त वाढतानाही अशी आहे का हे रक्त वाहतानाही अशी आहे? सारंग कडव्यांचा प्रत्यक्ष क्रम काय आहे? तू सांगितलेले कडवे २ रे आहे की चौथे?
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Sarang23
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| Tuesday, January 03, 2006 - 4:20 am: |
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तन्या, मी लिहिलेल कडव दुसर आहे आणि मितवा ने लिहिलेल पाचव. ते मितवाने लिहिलेल कडव बरोबर आहे, फक्त एक: ते श्रीकृष्ण नाही तो कृष्ण आहे.
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Pujarins
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| Sunday, January 15, 2006 - 12:52 pm: |
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yaa AazvaD\yaatIla laoK (15th jan 2006) http://saamana.com/2006/Jan/15/Link/Utsav_7.htm
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Iravati
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| Saturday, January 21, 2006 - 11:20 am: |
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vaaLvaMTo f> vaaLUcaIca nasatat Dila-nga² fulaaMcaI AsatatÊ JaaDaMcaI Asatat Ê GaraMcaI Asatat ÊXahraMcaI Asatat. AaiNa Anaaqa AMtirxa tr navyaa saÝndya-jaiTla saaxaa%karI vaaLvaMTacaa ek saaQaa p`armBa AsatÜ......
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Pujarins
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| Sunday, February 05, 2006 - 7:29 am: |
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yaa AazvaD\yaatIla laoK (5th Feb 2006) http://saamana.com/2006/Feb/05/Link/Utsav_7.htm
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Mitwa
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| Thursday, February 09, 2006 - 2:28 am: |
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ग़्रेस यांच्या आजपर्यंत प्रकाशीत झालेल्या पुस्तकांची नावे व प्रकाशनाची यादी मीळू शकेल का? मितवा.
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"tula pahile me" hi kavita havi aahe where will i get its download?
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मितवा, मिळेल ना चर्चबेल ललित लेख्) संध्याकाळच्या कविता राजपुत्र आणि डार्लिन्ग चन्द्रमाधवीचे प्रदेश मितवा(ललित लेख्) सांध्यपर्वातील वैष्णवी संध्या सूक्तांचा यात्रिक मुलाखतीची व्ही सी डी) साजणवेळा शब्द गन्ध वाद्य वृन्दातर्फे कवीता गायनाची आॅडिओ कॅसेट्)
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Mitwa
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| Monday, February 13, 2006 - 3:17 pm: |
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पुस्तकांची नावे कळविल्याबद्दल धन्यवाद. प्रकाशनांची नावे जर कळवता आली तर उत्तम! ग्रेस यांची ३ नवीन पुस्तके प्रकाशीत होणार होती १. सांज भयाच्या साजणी काव्य संग्रह) २. वा-याने हालते रान ललित लेख संग्रह) ३. चंद्र उदयनी वेळा ललित लेख संग्रह) ही पुस्तके प्रकाशीत झाली का? मितवा.
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मितवा अद्याप प्रसिद्ध झालेली दिसत नाहीत. अन्यथा माझ्या नजरेतून सुटणे केवळ अशक्य ग्रेसची सर्व पुस्तके पाॅप्युलरने प्रसिद्ध केली आहेत
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Kokni
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| Wednesday, February 15, 2006 - 11:50 am: |
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paandit bheTalas, angaak kheTalas maaJyaa kanaat tuJyaa kaakNacho kiNkinaaT he Gaan maalavaNi aahe nakkich gres cha nasanaar
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Naadamay
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| Tuesday, February 21, 2006 - 7:52 am: |
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kÜNaI vaaáyaanao hlato rana hI kivata ilahUna do} Xakola kaÆ
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वा-याने हलते रान, तुझे सुनसान ह्रुदय गहिवरले गाईचे डोळे करुण उभे की, सांज निळाईतले डोळ्यात शीण, हातात वीण, देहात फुलांच्या वेगी अंधार चुकावा म्हणून, निघे बैरागी वाळूत पाय, सजतेस काय, लाटांध समुद्राकाठी चरणात हरवला गंध, तुझ्या की ओठी शून्यात गरगरे झाड, तशी ओढाळ, दिव्यांची नगरी वक्षात तिथीचा चांद, तुझा की वैरी
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Naadamay
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| Wednesday, February 22, 2006 - 5:29 am: |
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धन्यवाद तान्या.बरेच दिवसांपासून शब्द जाणून घ्यायचे होते.
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Kokni
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| Thursday, February 23, 2006 - 6:24 am: |
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फ़ारच अवघड शब्द आहेत... अर्थ कळ्ण्यासाठी पारायन करावि लागतिल
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maajhi awadati kavita ; marathi world madhe milate, smita source : www.marathiworld.com
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Baryach vela Grace Durbodh Lihitat,tyanchi tula pahile mi nadichya kinari hi kavita majhyakade aahe,kunala havi asel tar mala mail kara
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yuvrajshekhar, ithe post kara na tee kavita..
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