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Paragkan
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| Saturday, August 20, 2005 - 1:39 am: |
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LOL Abe .. agadi agadi 
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Priya
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| Saturday, August 20, 2005 - 2:29 am: |
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Aaid%ya AaiNa pragaÊ tumhI idlaolaI ÌtI maI maagaoca navaáyaalaa vaacaUna daKvalaI hÜtI. to eokuna tÜhI
Asaoca mhNaalaa " AgadIÊ AgadI " %yaamauLo rajamaa krtoya mhTlyaavar %yaacaa pihlaa p`Xna - ba`*macaaáyaaMcyaa ka^pIraToD pwtInao kaÆ maI naahI mhNaalao tovha kuzo tÜ kbaUla Jaalaa Kayalaa. %yaacaa
hayasaM vaaTlaolaa caohra pahUnaca malaa klpnaa AalaI BaajyaaMcyaa AMgaBaUt cavaIba_la. idnaoXaÊ navaáyaanaohI tumhalaa ivaXaoYa psaMtI kLvaayalaa saaMigatlaI Aaho.
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Moodi
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| Friday, March 24, 2006 - 11:27 am: |
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दिनेश मला खरे राजमा विशेष आवडत नाही, पण तुम्ही लिहीलेत ना तश्या पद्धतीने करुन पाहिला परवा रात्री. एकदम मस्त झाला होता. फक्त मी तुपा ऐवजी तेलात केला अन कांदा परतताना त्यात थोडी लवंग दालचिनीची पुड चिमुटभर टाकली बाकी तुम्ही सांगीतले तसेच केले. एकदम सुरेख. इथल्या सुपरमार्केटमध्ये उकडलेला राजमा मिळतो. त्यात चिली सॉस, टॉमेटो प्युरी, लसुण आल्याची बारीक पेस्ट चिमुटभर अन काही मसाले असतात. तोच वापरला. हे ब्रिटिश लोक तो फक्त मायक्रोव्हेव मध्ये गरम करुन खातात. नाहीतर उकडकेल्या जॅकेट पोटॅटोज मध्ये तो त्या गरात बाकीच्या बीन्स बरोबर घालुन खातात. 
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Dineshvs
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| Friday, March 24, 2006 - 1:12 pm: |
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मूडि, ह्या गोर्याना ना आपल्यासारखी कडधान्ये भिजवुन, मोड काढुन खायची रितच माहित नाही. म्हणुन सगळे टिनमधले खातात हे लोक. एखादेवेळी मी पण खातो, पण मला ते जरा मऊगाळ शिजवल्यासारखे वाटतात.
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Addy
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| Thursday, August 09, 2007 - 12:48 pm: |
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दिनेश, काल तुमच्या पद्धतीने राजमा केला होता. फ़ारच छान झाला होता. आलेल्या पाहुण्यांना खूप आवडला.
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Dineshvs
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| Friday, August 10, 2007 - 5:48 am: |
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अश्या प्रतिक्रियाना उत्तर देणे मला फार अवघड वाटते. म्हणुन मी टाळतोच, पण कुणाला तरी समाधान देऊ शकलो, याचा खुप आनंद होतो.
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Alpana
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| Friday, August 10, 2007 - 6:07 am: |
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मी पण करुन बघेन या रविवारी तुमच्या पद्धतीने राजमा.. एरवी राजमा वैगरे आमच्या घरी नवरा किंवा दीर मंडळी बनवतात, त्यांच्या पंजाबी मेथडने
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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