|
Jagu
| |
| Wednesday, June 11, 2008 - 6:46 am: |
| 
|
५-६ बोंबिल ८-१० लसुण पाकळ्या ठेचुन हिंग पाव चमचा, हळद अर्धा चमचा मसाला२ ते ३ चमचे आवडीनुसार मिठ अंदाजे तेल २ चमचे चिंचेचा कोळ] १ जुडी गावठी भेंडी बोंबिल कापुन धुवुन घ्यावे, भेंडी चिरुन घ्यावित. नंतर टोपात तेल टाकुन लसणाची फोडणी द्यावी. मग त्यात हिंग, हळद, मसाला टाकुन भेंडी टाकावीत. मग भेंडी शिजू द्यावीत. भेंडी शिजल्यावर त्यात बोंबिल टाकावेत व मिठ टाकुन मंद आचेवर बोंबिल ५ मि. शिजवावेत. खुपच टेस्टी लागत हे कालवण.
|
Ami79
| |
| Thursday, June 12, 2008 - 7:23 am: |
| 
|
यात सुखे बोंबिल किंवा सुकट घालता येईल का, ओल्या बोंबला ऐवजी?
|
Jagu
| |
| Friday, June 13, 2008 - 7:04 am: |
| 
|
मी कधी करुन बघितले नाही. पण माझ्या मते ओल्या बोंबलामध्ये छान होतात. भेंडी उभीच कापावीत. त्यांचा जो चिकटपणा रश्यात उतरतो तो छान लागतो.
|
Dineshvs
| |
| Friday, June 13, 2008 - 1:22 pm: |
| 
|
सुके बोंबील घालून, मेथी, मायाळु या भाज्या चांगल्या होतात. बोंबलात राजेळी केळी पण घालतात.
|
Ami79
| |
| Saturday, June 14, 2008 - 5:47 am: |
| 
|
माझा प्रॉब्लेम असा आहे की मी फिश मार्केट मधला वास सहन करू शकत नाही. मी तिथे एक मिनिट सुद्धा उभी राहू शकत नाही. त्यामुळे सुख्या मासळीचे पदार्थ करण्याचा प्रयत्न करते.
|
|
चोखंदळ ग्राहक |
 |
महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
|
व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
|
पांढर्यावरचे काळे |
|
गावातल्या गावात |
|
तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
|
आरोह अवरोह |
|
शुभंकरोती कल्याणम् |
|
विखुरलेले मोती |
|
|
|
हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
|
|