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Aashu29
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| Saturday, July 01, 2006 - 3:54 am: |
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हा मी काल माझ्या पिल्लुसाठि केला होता चांगला झाला होता. रताळे उकडुन सोलुन गुठळि शिवाय असे ठेचून घ्यावे मग तुप तापवुन त्यात हा लगदा छान खरपुस भाजावा असा केसर टाकल्याशिवायच केसर टाकल्यासारखा रंग येतो. आता त्यात गरम दुध घाला जितका शिरा घट्ट पातळ हवा त्याप्रमाणे दुध घालावे. मग अर्थातच साखर आवडि इतकि!! एक वाफ़ काढा हलवत रहा.
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हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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