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Dineshvs
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| Tuesday, October 11, 2005 - 3:51 pm: |
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केळे बोंबील माश्यांच्या प्रमाणात कांदे कापुन हाताने चुरावेत. त्यात पिकलेली राजेळी केळी चकत्या करुन घालावीत. त्यात हळद, तिखट, जिरेपुड, सुंठ्पुड, हिंग घालावा. ओले खोबरे खवणुन घालावे. यात तेल घालुन ते सगळे पसरट भांड्यात शिजत ठेवावे. कांदा शिजला कि त्यात साफ़ केलेले माश्याचे तुकडे रचावेत व मग पाणी न घालता झाकण ठेवुन शिजवावेत.
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Ami79
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| Saturday, June 14, 2008 - 5:58 am: |
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केळी आणि बोंबिल, हे काही वेगळेच कॉंबि आहे. हे चांगले लागते का?
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Dineshvs
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| Saturday, June 14, 2008 - 11:06 am: |
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डेलिकसी मानतात ही, अर्थात यापेक्षा मी जास्त सांगू शकत नाही, कारण मी शाकाहारी आहे. असे प्रकार मुंबईचे मूळ निवासी असलेले लोक आवडीने खात असत.
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हितगुज गणेशोत्सव २००६ |
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चोखंदळ ग्राहक |
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महाराष्ट्र धर्म वाढवावा |
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व्यक्तिपासून वल्लीपर्यंत |
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पांढर्यावरचे काळे |
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गावातल्या गावात |
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तंत्रलेल्या मंत्रबनात |
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आरोह अवरोह |
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शुभंकरोती कल्याणम् |
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विखुरलेले मोती |
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